ई-अभिव्यक्ति: संवाद- 39
श्री गणेशाय नमः
सम्माननीय लेखक एवं पाठक गण सादर अभिवादन.
परसाई-स्मृति अंक के पश्चात आपसे पुनः संवाद करने का अवसर प्राप्त हो रहा है. 24 अगस्त 2019 के पश्चात आप से ई-अभिव्यक्ति के माध्यम से संपर्क एवं रचनाएँ प्रकाशित न कर पाने का अत्यंत दुःख है.
संभवतः ई-अभिव्यक्ति या ऐसी ही किसी भी लोकप्रिय होती हुई वेबसाईट की बढ़ती हुई लोकप्रियता एवं बढ़ती हुई विजिटर्स की संख्या के कारण वायरस/हैकिंग जैसी तकनीकी समस्याओं और उतार चढ़ाव से गुजरना होता है.
हमारे लिए हमारे व्यक्तिगत डाटा के साथ ही हमारे सम्माननीय लेखकों एवं पाठकों का डाटा भी उतना ही महत्वपूर्ण है. इस महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रख कर हमने कुछ दिनों का विराम लेकर ई-अभिव्यक्ति को सुरक्षा की दृष्टि से और सुदृढ़ करने का प्रयास किया है.
अब आपकी वेबसाइट https://www.e-abhivyakti.com के स्थान पर सुरक्षित वेबसाइट (Secured Website) https://www.e-abhivyakti.com हो गई है. किन्तु, आपको अपनी ओर से तकनीकी तौर पर कुछ भी नहीं करना है और जैसा पहले ऑपरेट या प्रचालित करते थे वैसे ही करना है और आप अपनी सुरक्षित वेबसाइट पर पहुँच जायेंगे. आपको e-abhivyakti.com के पहले एक ताले (सुरक्षा) का चिन्ह दिखाई देगा. बड़े बूढ़े कह गए हैं कि ताले शरीफों के लिए होते हैं, फिर भी लगाना तो पड़ता ही है सो लगा दिया.
आप से अनुरोध है कि कृपया [email protected] (यह अकाउंट डिलीट कर दिया गया है) के स्थान पर [email protected] का प्रयोग करें.
इस पूरी प्रक्रिया के समय आपने जिस संयम का परिचय दिया है उसका मैं ह्रदय से आभारी हूँ. अब आप से पुनः पूर्ववत सम्बन्ध बना रहेगा ऐसी गणपति बप्पा से अपेक्षा है.
हम कल श्री गणेश चतुर्थी पर्व (2 सितम्बर 2019) से पुनः आपकी सेवा में उपस्थित होने का प्रयास करेंगे.
फिर देर किस बात की. कलम उठाइये और भेज दीजिये श्री गणेश जी से सम्बंधित रचनाएँ इस पूरे सप्ताह. सप्ताह के अंत में हम विशेषांक के समस्त लिंक एक पोस्ट पर प्रकाशित करेंगे जिसमें आप समस्त रचनाएँ एक साथ पढ़ सकेंगे.
अन्य साप्ताहिक स्तंभ यथावत चलते रहेंगे.
हमें आपकी हिंदी, मराठी एवं अंग्रेजी की चुनिंदा एवं मौलिक रचनाओं की प्रतीक्षा रहेगी.
हेमन्त बवानकर
1 सितम्बर 2019
फिर से श्रीगणेशा! शुभकामनाएँ
बहुत अच्छा काम कर रहे हैं आप। शेष सायबर है तो सायबर क्राइम भी है। निश्चिंत रहिए। आपकी यात्रा कोई नहीं रोक सकता। चरैवेति-चरैवेति।
आभार आप आपकी शुभकामनाएं ही मुझे ऊर्जा देती है.