सुश्री प्रज्ञा मिरासदार
कवितेचा उत्सव
☆ — निष्काम भक्ती — ☆ सुश्री प्रज्ञा मिरासदार ☆
(संत तुकाराम महाराज बीजेनिमित्त काव्य रचना – दि. २७ . ३ . २४)
अभंगरचना
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धन्य इंद्रायणी | धन्य देहू ग्राम |
संत तुकाराम | वसे तेथे ||
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विठ्ठला चरणी | सदा लीन मन |
सोने,चांदी,धन | तुच्छ वाटे ||
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अभंगाची गाथा | पाण्यात तरली |
पणास लागली | सारी भक्ती ||
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परब्रह्म रूप | विठ्ठलाचे ध्यान |
नाही देहभान | तुकयासी ||
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कीर्तनामधून | केले प्रबोधन |
सूज्ञ केले जन | उपदेशे ||
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वृक्ष, वेली, वने | प्राणिमात्र सखे |
न व्हावे पारखे | नित्य बोले ||
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सदेह वैकुंठी | गेले तुकाराम |
भक्ती ती निष्काम | सार्थ ठरे ||
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© सुश्री प्रज्ञा मिरासदार
पुणे
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈