श्रीमति उज्ज्वला केळकर
(सुप्रसिद्ध वरिष्ठ मराठी साहित्यकार श्रीमति उज्ज्वला केळकर जी मराठी साहित्य की विभिन्न विधाओं की सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपके कई साहित्य का हिन्दी अनुवाद भी हुआ है। इसके अतिरिक्त आपने कुछ हिंदी साहित्य का मराठी अनुवाद भी किया है। आप कई पुरस्कारों/अलंकारणों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। आपकी अब तक दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं एवं 6 उपन्यास, 6 लघुकथा संग्रह 14 कथा संग्रह एवं 6 तत्वज्ञान पर प्रकाशित हो चुकी हैं। हम श्रीमति उज्ज्वला केळकर जी के हृदय से आभारी हैं कि उन्होने साप्ताहिक स्तम्भ – उत्सव कवितेचा के माध्यम से अपनी रचनाएँ साझा करने की सहमति प्रदान की है।
आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता ‘कविता तुझी’ । साथ ही इस कविता का वरिष्ठ मराठी एवं हिंदी साहित्यकार श्री भगवान वैद्य ‘प्रखर’ जी द्वारा हिंदी भावानुवाद ‘कविता तुम्हारी’ भी आज के ही अंक में प्रकाशित कर रहे हैं ।
आप प्रत्येक मंगलवार को श्रीमति उज्ज्वला केळकर जी की रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – उत्सव कवितेचा – # 2 ☆
☆ कविता तुझी ☆
ही कविता तुझी
तुझ्यासाठी
समोर कोसळणारा धुवांधार पाऊस
रुजवतो आहे
रोमरोमात पेरलेले
तुझे स्पर्श…
घरानं कधीचंच नकारलेलं मला
देऊळही नाही एखादं दृष्टीपथात
अथवा पडकीही धर्मशाळा
निळंभोर आकाश
दूर गेलय रुसून
माझ्यापासून
किरणाचा इवला ठिपकाही
नाही उबेला.
या दिशाहीन वाटचालीत
सोबतीला आहेत
तुझ्या अनेक आठवणी
आणि…आता…
त्यांच्या विस्कटलेल्या कविता
© श्रीमति उज्ज्वला केळकर
176/2 ‘गायत्री ‘ प्लॉट नं12, वसंत साखर कामगार भवन जवळ , सांगली 416416 मो.- 9403310170