मराठी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ उत्सव कवितेचा # 13 – रात्र – चित्र २ ☆ श्रीमति उज्ज्वला केळकर

श्रीमति उज्ज्वला केळकर

(सुप्रसिद्ध वरिष्ठ मराठी साहित्यकार श्रीमति उज्ज्वला केळकर जी  मराठी साहित्य की विभिन्न विधाओं की सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपके कई साहित्य का हिन्दी अनुवाद भी हुआ है। इसके अतिरिक्त आपने कुछ हिंदी साहित्य का मराठी अनुवाद भी किया है। आप कई पुरस्कारों/अलंकारणों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। आपकी अब तक 60 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें बाल वाङ्गमय -30 से अधिक, कथा संग्रह – 4, कविता संग्रह-2, संकीर्ण -2 ( मराठी )।  इनके अतिरिक्त  हिंदी से अनुवादित कथा संग्रह – 16, उपन्यास – 6,  लघुकथा संग्रह – 6, तत्वज्ञान पर – 6 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।  हम श्रीमति उज्ज्वला केळकर जी के हृदय से आभारी हैं कि उन्होने साप्ताहिक स्तम्भ – उत्सव कवितेचा के माध्यम से अपनी रचनाएँ साझा करने की सहमति प्रदान की है। आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता  ‘रात्र – चित्र २ 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – उत्सव कवितेचा – # 13 ☆ 

☆ रात्र – चित्र २ 

रात्र

चंद्रबनातून

अलगद उतरणारी

मोगरीच्या सतेज ताटव्यात

घमघमणारी

पानांच्या चित्रछायेतून

तरंगत जाणारी

पुळणीवर जरा विसावणारी

हातांशी लगट करणारी

कानांशी कुजबुजणारी

आलीआलीशी

म्हणता म्हणता

पार…क्षितिजापार

होणारी

रात्र

 

© श्रीमति उज्ज्वला केळकर

176/2 ‘गायत्री ‘ प्लॉट नं12, वसंत साखर कामगार भवन जवळ , सांगली 416416 मो.-  9403310170