सूचनाएँ/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ शनिवार की शाम लेखक के नाम – श्री सुरेश पटवा ☆

!!!…अवसर है पुस्तक “तलवार की धार” के लेखक, अध्ययन और पर्यटन के शौक़ीन एवं स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त सहायक-महाप्रबंधक “सुरेश पटवा” जी से मिलने का…!!!

? किताब के बारे में ?
? तलवार की धार ?

संविधान सभा में विचार किया गया था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में व्यापक लोकहित सुनिश्चित करने हेतु संस्थाओं की स्वायत्तता सबसे महत्वपूर्ण कारक होगी ताकि संस्थाएँ सम्भावित तानाशाही पूर्ण राजनीतिक दबाव और मनमानेपन से बचकर जनहित कारी नीतियाँ बनाकर पेशेवराना तरीक़ों से लागू कर सकें। इसलिए भारतीय स्टेट बैंक का निर्माण करते समय सम्बंधित अधिनियम में संस्था को स्वायत्त बनाए रखने की व्यवस्था की गई थी। तलवार साहब ने भारतीय दर्शन के रहस्यवादी आध्यात्म की परम्परा को अपने जीवन में उतारकर सिद्धांत आधारित प्रबन्धन तरीक़ों से प्रशासकों की एक ऐसी समर्पित टीम बनाई जिसने स्टेट बैंक को कई मानकों पर विश्व स्तरीय संस्था बनाने में सबसे उत्तम योगदान दिया। आज भारत को हरमधारी साधु-संतो की ज़रूरत नहीं है अपितु आध्यात्मिक चेतना से आप्लावित तलवार साहब जैसे निष्काम कर्मयोगी नेतृत्व की आवश्यकता है जो भारतीय संस्थाओं को विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा में खरी उतरने योग्य बनाने में सक्षम हों। यह पुस्तक ऐसे ही निष्काम कर्मयोगी के कार्य जीवन की कहानी है। जो आपको यह बताएगी कि मूल्यों से समझौता किए बग़ैर सफल, सुखद और शांत जीवन यात्रा कैसे तय की जा सकती है।

दिनाँक : 20 फरवरी 2021

समय : 4:00 pm – 5:00 pm

मिलने का स्थान : लैंडमार्क द बुक स्टोर, ई-5/21, अरेरा कॉलोनी, हबीबगंज पुलिस स्टेशन रोड, भोपाल

फोन : 0755-2465238/4277445

? नीचे दिये फेसबुक लिंक के माध्यम से आप इस कार्यक्रम में जुड़कर लेखक के साथ अपने विचार-विमर्श कर सकते हैं –

शनिवार की शाम लेखक के नाम  –  श्री सुरेश पटवा

ई- अभिव्यक्ति पर विशेष आलेख पढ़ने के लिए लिंक

हिन्दी साहित्य – संस्मरण ☆ तलवार की धार: सैद्धान्तिक नेतृत्व की साहसिक दास्तान ☆ – श्री सुरेश पटवा 

इस लिंक के माध्यम से आप यह पुस्तक खरीद सकते हैं :

अमेज़न लिंक >>>> तलवार की धार: सैद्धान्तिक नेतृत्व की साहसिक दास्तान

!!!…इस अवसर को जाने न दें…!!!

image_print
5 1 vote
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments