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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏 💐 साहित्य के गुरू द्रोण : डॉ. राजकुमार तिवारी “सुमित्र” जी – विनम्र श्रद्धांजलि 💐🙏

विगत दिवस ‘जबलपुर व्यंग्यम परिवार’ के सदस्यों द्वारा साहित्य के गुरु द्रोण डॉ. राजकुमार तिवारी “सुमित्र ” जी को भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

जय नगर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देश के ख्यातिलब्ध कथाकार एवं व्यंग्यकार डॉ. कुंदन सिंह परिहार ने श्री ‘सुमित्र’ जी के साथ बीते हुए समय को याद करते हुए कहा कि श्री सुमित्र जी के जाने से वह पीढ़ी समाप्त हो गई जो जबलपुर और देश प्रदेश के साहित्यकारों के व्यक्तिव और कृतित्व के इतिहास के साथ उन्होंने ख्याति लब्ध साहित्यकारों के साथ समय गुजारा था. सुमित्र जी ने नये लोगों को भरपूर प्रोत्साहन दिया और लेखकों की एक पीढ़ी तैयार की. सुमित्र जी का एक व्यंग्य संग्रह भी प्रकाशित हुआ, उन्होंने नयी पीढ़ी को व्यंग्य लिखने की प्रेरणा दी.

प्रसंगवश वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री अभिमन्यु जैन ने स्व. सुरेश सरल जी के संदर्भ में कहा कि जैसा उनका नाम है वे उतने ही सरल और सहज थे उन्होंने कहा जब व्यंग्य स्थापित होने के लिए संघर्ष कर रहा था एसे समय उन्होंने बहुत ही उत्कृष्ट व्यंग्य के साथ साथ व्यंग्य कॉलम भी लिखे.  उनके लिखे व्यंग्य से व्यंग्य लिखने वालों की एक पीढ़ी तैयार हुई.  उन्होंने महान जैन साधक संत पर विद्याधर से विद्यासागर नामक उपन्यास लिखा जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई.  उन्होंने अनेक जैन साधु संत पर पुस्तकें लिखी हैं. स्व सुमित्र जी ने नयी पीढ़ी को व्यंग्य लिखने की प्रेरणा दी.

श्रद्धांजलि सभा – रविवार 3 मार्च 2.30 से 4.30 बजे आर्य समाज भवन, नेपियर टाउन जबलपुर 👉 https://www.youtube.com/live/MrWWSEmoTp0?si=Cd5YwOdmbjvJbCn6 

वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री यशोवर्धन पाठक जी ने कहा मैं उनके कारण ही लेखक बना. व्यंग्यकार पत्रकार श्री प्रतुल श्रीवास्तव जी ने उनकी सरलता की चर्चा करते हुये उनके व्यक्तित्व और समाज को दिय अवदान को रेखांकित किया. कवि व्यंग्यकार श्री सुरेश विचित्र जी एवं कहानी-व्यंग्यकार रमाकांत ताम्रकार ने उनके साथ अपने अपने अनुभव साझा किए.

इस अवसर पर संस्कार धानी के व्यंग्यकार एवं जैन मुनियों पर केंद्रित साहित्य की रचना करने वाले सुप्रसिध्द श्री सुरेश सरल जी, साहित्यकार, शिक्षाविद श्री गोकर्ण नाथ शुक्ल जी तथा समाजसेविका, शिक्षाविद श्रीमती अंजलि शुक्ला के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की.  इस अवसर पर जबलपुर व्यंग्यम परिवार के सर्व श्री द्वारका गुप्त,  श्री यू एस दुबे,  श्री ओ. पी.  सैनी,  श्री दया शंकर मिश्रा उपस्थित थे.  संचालन देश के प्रसिद्ध कहानी और व्यंग्य लेखक श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी ने किया।

🙏 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ जी को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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