श्री प्रदीप शर्मा
(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका आलेख – “M R I (अमीराई)”।)
अभी अभी # 208 ⇒ M R I (अमीराई)… श्री प्रदीप शर्मा
अमराई आम के बाग को कहते हैं। आम सबके लिए है लेकिन MRI, Magnetic resonance imaging अथवा जिसे आप चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग, भी कह सकते हैं, एक ऐसी जांच, उन खास लोगों के लिए है, जो इसकी कीमत अदा कर सकते है।
एक समय था, जब कुशल वैद्य केवल नाड़ी देखकर बीमारी का पता लगा लेते थे। लक्ष्मण की मूर्च्छा के वक्त भी दुश्मन के सुषैण वैद्य द्वारा नाड़ी देखकर बताई गई संजीवनी बूटी ही काम आई थी। आजकल वैद्यराज नहीं, मशीनें यह काम करती है। सी टी स्कैन और M R I जैसी जांच के बाद उपचार आसान हो जाता है। जब तक हम ज़िंदा हैं, हम अमर हैं। आज के युग में M R I अमीराई से कम नहीं।।
जांच के अभाव में आज भी कई लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो, जीवन से हाथ धो बैठते हैं। एक समय था, जब पोलियो, हैजा और कुष्ट रोग का इलाज आसानी से संभव नहीं था। एक महामारी कितने ही मासूमों की जान ले बैठती थी। पल्स पोलियों ड्रॉप और हेपेटाइटिस बी के वैक्सीन जहां मानवता के लिए वरदान है, वहीं कैंसर जैसी बीमारी से चिकित्सा विज्ञान आज भी जूझ रहा है। covid-19 के वैक्सीन के अभाव में कितने ही लोग अपनी जान गंवा बैठे।
इंसान की जान कीमती है, लेकिन इलाज उससे भी ज़्यादा महंगा है।
एक पुरानी कहावत है, भगवान सबको वकील और अदालत के चक्कर से बचाए। आजकल वही हालत डॉक्टर्स की हो गई है। लेकिन डॉक्टर बिना चैन कहां रे! एक उम्र के बाद तो हर छ: माह में रूटीन जांच करवाते रहने की सलाह दी जाती है। फिर भी अस्पताल कम पड़ रहे है, मरीजों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। केवल मेरी दो आंखों के लिए मेरे आसपास पांच किलोमीटर में दस आंख के अस्पताल हैं। लेकिन जहां जाओ, वहां भीड़ ही भीड़।।
अगर अमर होना है, तो पहले अमीर बनो। अगर गरीब हो तो बीमार पड़ने पर M R I और सी टी स्कैन जैसी जांचें कैसे करवाओगे। मैं इतना गरीब भी नहीं कि कहीं से बी पी एल कार्ड कबाड़ लूं और अपनी पत्नी का इलाज महंगे अस्पतालों में करवा लूं। डॉक्टर ने एक M R I जांच करवाने का क्या लिखा, पहुंच गए डायग्नोस्टिक सेंटर खीसे में दस हज़ार भरकर। दुनिया हमसे दो कदम आगे ही चलती है। वहां बोला गया साढ़े बारह हजार रूपए जमा करवा दो जांच के। जांच लंबी चौड़ी है। डेबिट कार्ड ने स्थिति संभाल ली।
एक M R I रिपोर्ट ने मेरी पत्नी की बीमारी की नस पकड़ ली। अब डॉक्टर आसानी से दवाओं की संजीवनी विद्या से उपचार कर पाएगा। बीमार को जो बीमारी से छुटकारा दिलवाने में मदद करे वह विद्या अमराई अर्थात अमरत्व प्रदान करने वाली सी टी स्कैन और M R I जांच। ईश्वर ने हमारी सांसें गिनकर भेजी हैं, संभलकर, संभालकर खर्च करें।।
© श्री प्रदीप शर्मा
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