श्री प्रदीप शर्मा

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रदीप शर्मा जी द्वारा हमारे प्रबुद्ध पाठकों के लिए साप्ताहिक स्तम्भ “अभी अभी” के लिए आभार।आप प्रतिदिन इस स्तम्भ के अंतर्गत श्री प्रदीप शर्मा जी के चर्चित आलेख पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका आलेख – “भुट्टा।)

?अभी अभी # 462 ⇒ भुट्टा? श्री प्रदीप शर्मा  ?

C…O…R …N

फिल्म श्री 420 की यह पहेली तो आपने भी सुनी होगी ;

इचक दाना बिचक दाना,

दाने ऊपर दाना

छज्जे ऊपर लड़की नाचे

लड़का है दीवाना ..

द ग्रेट छलिया, आवारा राजकपूर इसी गीत में आगे फरमाते हैं ;

हरी थी, मन भरी थी

लाख मोती जड़ी थी,

राजा जी के बाग में

दुशाला ओढ़े खड़ी थी।

कच्चे पक्के बाल हैं उसके,

मुखड़ा है सुहाना

बोलो बोलो क्या ?

बुड्ढी, नहीं भुट्टा …

इचक दाना …!!

हमें भी दुशाला ओढ़े यह जीव भुट्टा नहीं भुट्टो नजर आता है, और हमारा देशभक्त दुशासन जाग जाता है। हम इसका चीरहरण शुरू कर देते हैं, दुष्ट हो अथवा दुश्मन उसके चीरहरण के वक्त तो द्वारकाधीश भी लाज बचाने नहीं आते। जब इसका वस्त्र तार तार हो जाता है, तो अंदर से बेनजीर नहीं, जुल्फिकार अली भुट्टो निकल आते हैं, हम उनकी दाढ़ी मूंछ भी नोच लेते हैं, लेकिन उसे कच्चा नहीं चबाते। हमारे भी कुछ संस्कार हैं, हम उसे भूनकर खाते हैं।

पहले तो हिंदुस्तान पाकिस्तान भी एक ही था और भुट्टे की फसल यहां से वहां तक लहराती थी। बाद में भुट्टा हमने रख लिया और भुट्टो पाकिस्तान में चला गया। आज बिलावल भुट्टो का कोई नाम लेने वाला नहीं और हम इस मौसम में हमारे भुट्टे को छोड़ने वाले नहीं।।

पता नहीं, यह देसी भुट्टा कब अमेरिका चला गया और वहां से पढ़ लिखकर अमरीकन भुट्टा बनकर भारत आ गया। हम तो बचपन से ही देसी भुट्टा खाते चले आ रहे हैं, और इधर सुना है, भुट्टे के बच्चे भी पैदा होने लग गए हैं, जिन्हें बेबी कॉर्न कहा जाने लगा है।

सब बड़े घरों के चोंचले हैं।

हमने ना तो कभी बचपन में कॉर्न फ्लेक्स खाया और ना ही स्वीट कॉर्न। हां भुट्टे के कई व्यंजन खाए हैं, मसलन भुट्टे का कीस, भुट्टे की कचोरी और भुट्टे के पकौड़े। भुट्टे के तो खैर लड्डू भी बनते हैं।।

यही दाने सूखने पर मक्का कहलाते हैं। मक्के की रोटी और सरसों का साग में अगर पंजाब की खुशबू है तो मक्के के ढोकलों में गुजरात का स्वाद। जिसे हम मक्के की धानी कहते हैं, उसे अंग्रेजी में पॉपकॉर्न कहते हैं। अगर आईनॉक्स

(INOX) मॉल में फिल्म देखने जाएं, तो नाश्ते के कॉम्बो की कीमत तीन अंकों में होती है। फिर भी लोग पॉपकॉर्न खाते हुए पॉर्न देखना पसंद करते हैं। शरीफ लोग घर पर ही हॉट कॉफी पीते हुए हॉट स्टार और नेटफ्लिक्स से काम चला लेते हैं।

इस बार पानी बाबा सावन में नहीं आए, अब भादो में ककड़ी भुट्टा साथ लाए हैं। दाने दाने पर खाने वाले का नाम लिखा है। दांत अगर अच्छे हैं, तो भुट्टे को सेंककर मुंह से खाइए और अगर दांत जवाब देने लग गए हैं तो भुट्टे का कीस, प्रेम से खाइए खिलाइए। अधिक नाजुक मिजाज लोगों के लिए कॉर्न सूप और बेबी कार्न है न।।

♥ ♥ ♥ ♥ ♥

© श्री प्रदीप शर्मा

संपर्क – १०१, साहिल रिजेंसी, रोबोट स्क्वायर, MR 9, इंदौर

मो 8319180002

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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