श्री कमलेश भारतीय
आज प्रस्तुत है बेटियों पर आधारित लघुकथाओं में से एक सर्वश्रेठ लघुकथा – जन्मदिन। हम आपके साथ भविष्य में भी श्री कमलेश भारतीय जी की सर्वोत्कृष्ट रचनाएँ आपसे साझा करते रहेंगे। कृपया आत्मसात करें।
☆ लघुकथा : जन्मदिन ☆
छोटे भाई की छोटी बेटी मन्नू हमारे पास आई हुई थी । एक सुबह नाश्ते पर कहने ली – बड़ी मां , मेरी एक बात सुनेगी ?
-कहो बेटे । कहो । पत्नी ने पुचकारते हुए कहा ।
-आज मेरा जन्मदिन है । मनाओगी ?
बड़ी बड़ी आंखों से मन्नू ने बड़ा सवाल किया ।
-मनायेंगे । मनायेंगे क्यों नहीं ?
पत्नी ने चहकते हुए कहा ।
-केक बनवायेंगे ?
-हां । हां । बेटी क्यों नहीं ?
-मोमबत्तियां जलायेंगे ? कुछ मेहमान भी बुलायेंगै ?
-हां । बेटी । हां ।
-गिफ्ट भी मिलेंगे ?
– हां । बेटी । पर तुझे शक क्यों हो रहा है ?
-बड़ी मां । मेरा जन्मदिन कभी नहीं मनाया जाता ।इसलिए । डैडी मेरे भाई का जन्मदिन तो धूमधाम से मनाते हैं पर मेरा जन्मदिन भूल जाते हैं । आप कितनी अच्छी हैं । मेरी प्यारी अम्मा ।
मेरी पत्नी की आंखों में आंसू थे और वह कह रही थी कि बेटी तू हर साल आया कर । हम तेरा जन्मदिन मनाया करेंगे ।
मन्नू की आंखों में आंसू इन्द्रधनुष के रंगों में बदल गये थे ।
© कमलेश भारतीय
1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075
बहुत ही अच्छी लघुकथा है समाज मे लड़का लड़की का भेद सामान्य किया जाता है….हमे लड़की का भी उतना ही सन्मान करना चाहिये जितना कि लड़के का भावनायें सब में होती है….
अच्छी रचना