डॉ जसप्रीत कौर फ़लक
☆ कविता ☆ अद्भुत है फागुन… ☆ डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक ☆
☆
मधुमक्खियाँ
कितनी व्यस्त हैं इन दिनों
उन्हें ठहरने की
बात करने की
भी फ़ुर्सत नहीं है
उन्हें तो लाना है पराग
उन्हें आकर्षित करते हैं
महकते हुए बाग
वह कर रही हैं
अपना काम निस्वार्थ भाव से
हँसी ख़ुशी से चाव-चाव से
महुए के फूलों की मादकता
अंकुरित आम मंजरियों की कोमलता
पलाश की आभा
गेहूँ की गंध
अलसी के फूलों का रंग
टेसू की महक
सरसों के फूलों के खेत
धनिये के फूलों की क्यारियाँ
अद्भुत है यह फागुन
महक उठा है मन का आँगन
मंडराती तितलियाँ
गुंजायमान भँवरे
आम के पेड़ों पर निकलती
नव पत्तियाँ
करती हैं
प्रकृति को नमन
हवा में छिटक रहे हैं
रंग, गंध,रस के कण
हैं पुलकित दिशायें
सुगंधित हवायें
महकते वन-फूल,फलियाँ
ओस में भीगी-भीगी कलियाँ
हरितिम वसुंधरा
नन्हीं कोपलों पर
लाज की लालिमा
जगा रही है मन में नये-नये अहसास
यूँ ही महकते रहना हे! मधुरिम मधुमास
☆
डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक
संपर्क – मकान न.-11 सैक्टर 1-A गुरू ग्यान विहार, डुगरी, लुधियाना, पंजाब – 141003 फोन नं – 9646863733 ई मेल – [email protected]
≈ संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈