डॉ. अनिता एस. कर्पूर ’अनु’
( डॉ. अनिता एस. कर्पूर ’अनु’ जी बेंगलुरु के जैन महाविद्यालय में सह प्राध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं की सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपकी प्रकाशित पुस्तकों में मन्नू भंडारी के कथा साहित्य में मनोवैज्ञानिकता, स्वर्ण मुक्तावली- कविता संग्रह, स्पर्श – कहानी संग्रह, कशिश-कहानी संग्रह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इसके अतिरिक्त आपकी एक लम्बी कविता को इंडियन बुक ऑफ़ रिकार्ड्स 2020 में स्थान दिया गया है। आप कई विशिष्ट पुरस्कारों /अलंकरणों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। आज ससम्मान प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता कलियुग। इस बेबाक कविता के लिए डॉ. अनिता एस. कर्पूर ’अनु’ जी की लेखनी को सादर नमन।)
☆ कविता – कलियुग ☆
है घोर कलियुग
द्वापर युग, त्रेतायुग
अब तो प्रलय होगा
संभवतः
न बचेगा कोई भी
फिर भी बना है
आदमी-आदमी का शत्रु
भाई-भाई बहा रहा रक्त
अमीरी गरीबी का फासला
आदमी बना खूंखार जानवर
पी रहा लहू इंसान का
गरीब पी रहा खून के आंसू
इंसान बना मात्र असुर
अस्त-व्यस्त मानव
अशान्त समाज
उत्तुंग शिखिर पर
पक्षियों का कलरव
लहरों की ध्वनि
हरे-भरे खेत
निर्मल वातावरण
अद्भुत कुसुमकुंज
शीतल चांदनी का अहसास
सबसे दूर क्षितिज पर
खडा मानव तिमिर में
चांद की चांदनी ने
फैलाया एक विश्वास
सूरज की पहली किरण
तर्पण देता व्यक्ति
एक उम्मीद की किरण
जगाई है इंसान ने
आज भी एक रोशनी
कलियुग में जगा सकता
कलियुग नहीं भयंकर
कहता रुंध स्वर में इंसान।
© डॉ. अनिता एस. कर्पूर ’अनु’
लेखिका, सहप्राध्यापिका, हिन्दी विभाग, जैन कॉलेज-सीजीएस, वीवी पुरम्, वासवी मंदिर रास्ता, बेंगलूरु।
? शुभप्रभात। उपरोक्त लिंक द्वारा आपके परिचय व विचारोत्तेजक काव्य सृजन से लाभांवित कराने हेतु। बेहतरीन सारगर्भित अभिव्यक्ति।
★कविता – कलियुग ★
है घोर कलियुग
द्वापर युग, त्रेतायुग
अब तो प्रलय होगा….
… बेहतरीन विशेषणों आदि से शिल्पबद्ध। यदि शब्द /मानव/ है, तो /इंसान/भी। /लहू/ है, तो /ख़ून/ भी। साहित्यिक शब्द हैं, तो /उम्मीद/ भी!
… कलियुग पर सभी विचारोत्तेजक आयाम समेटती रचना हेतु हार्दिक बधाई।? मैं भी लिखता हूँ सरल हिंदी में अतुकांत/लघुकथा//लघुकाव्य/संस्मरण/बालसाहित्य वगैरह; लेकिन फेसबुक समूहों पर या ओपनबुक्सऑनलाइनडॉटकॉम आदि पर।
(इस वेबसाइट का लाभ लेने संबंधित विस्तृत जानकारी चाहूंगा।)
*हार्दिक धन्यवाद “अभिव्यक्ति”!
सुंदर रचना
बेहतरीन रचना अतुलनिय शाब्दिक प्रवाह अभिवादन अभिनंदन आदरणीया