श्रीमती तृप्ति रक्षा  

(श्रीमती तृप्ति रक्षा जी  शिक्षिका हैं एवं  आपकी वेब पोर्टल पर कवितायेँ प्रकाशित होती रहती हैं। संगीत, पुस्तकें पढ़ना एवं सामाजिक कार्यों में विशेष अभिरुचि है।  विचार- स्त्री हूँ स्त्री के साथ खड़ी हूँ।  आज  प्रस्तुत है  आपकी एक समसामयिक कविता  “कोरोना -केवल वायरस नहीं है!” )

☆ कोरोना -केवल वायरस नहीं है! 

 कोरोना -केवल वायरस  नहीं है,
यह प्रकोप है
परमात्मा का ,
जिसे हमने खाद और पानी दियाहै
अपने अपराधों और
कुकृत्यों को बढ़ाकर ।
यह संतुलन है
हमारी प्रकृति का
जिसे हमने तार-तार किया है
धरती और पहाड़ों को बेधकर।
यह सूचक है
हमारी महत्त्वकांक्षा का,
जिसे हमने विकसित किया है
जैविक हथियारों के रूप में
मौत का सामान बनाकर।
यह आह्वान है
हमारी संस्कृति का
जिसे हम भूलने लगे  है,
और आगे बढ़ चले हैं
सब कुछ पीछे छोड़ कर।
यह अनुभूति है
उस दर्द का
जिसे हम महसूस कर सकते हैं,
आपस में  दूरी बढ़ाकर
या एक दूसरे को खोकर।
यह लड़ाई है
हम सबकी
आइए मिलकर लड़े,
मानवता के लिए
सारी कटुता भुलाकर।

© तृप्ति रक्षा

सिवान, बिहार

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