श्री भगवान वैद्य ‘प्रखर

? कविता ?

☆ पुण्य स्मरण…  – मराठी कवयित्री : सौ. उज्ज्वला केळकर ☆  भावानुवाद – श्री भगवान वैद्य “प्रखर”

सौ. उज्ज्वला केळकर

उस महापुरुष का पुण्यस्मरण…

पुतले का अनावरन

चरित्र का गुणगान,

‘पिछले कई शतकों में

नहीं हुआ ऐसा महामानव

न होगा अगले कई शतकों में’

 

भीगे स्वर…

पनीली आंखें…

अभिभूत मन …

 

‘उनके बतलाये मार्ग पर चलने का

करें संकल्प…’

तालियां…जोरदार तालियां…

 

‘उनके कार्य की ज्योत

जलाये रखने का करें संकल्प…’

 

फिर एक बार जोरदार तालियां …

 

अनेक शब्द…

अनेक संकल्प

पुतले के चरणों में करके अर्पण,

निकल गये सारे रिक्त नैनों से,

खुले मन से।

 

महापुरुष का पुतला

समेटता रहा उनके संकल्पों के कफन ।

मूल मराठी कविता – सौ. उज्ज्वला केळकर

संपर्क – निलगिरी, सी-५ , बिल्डिंग नं २९, ०-३  सेक्टर – ५, सी. बी. डी. –  नवी मुंबई , पिन – ४००६१४ महाराष्ट्र

मो. 836 925 2454, email-id – [email protected] 

हिन्दी भावानुवाद – श्री भगवान वैद्य ‘प्रखर

संपर्क : 30 गुरुछाया कालोनी, साईंनगर, अमरावती-444607

मो. 9422856767, 8971063051  * E-mail[email protected] *  web-sitehttp://sites.google.com/view/bhagwan-vaidya

संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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