श्री जयेश कुमार वर्मा
(श्री जयेश कुमार वर्मा जी बैंक ऑफ़ बरोडा (देना बैंक) से वरिष्ठ प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। हम अपने पाठकों से आपकी सर्वोत्कृष्ट रचनाएँ समय समय पर साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता मैं औऱ वो….।)
☆ कविता ☆ मैं औऱ वो…. ☆
बार बार याद आते वो पल, थे हम दोनों साथ, जाने कहाँ थे,
हाथो में हाथ थे, बहते अश्क थे, हम दो दिल, एक एहसास से,
लम्हा लम्हा दिल भीगे, अश्कों से तर, नैन सजल हुए,
उसे ना थी कोई जल्दी, शिद्दत से पकड़े थी हाथ मेरे,
ज़िन्दगी चली बीतने, कुछ बीते, लम्हे आने लगे याद मुझे,
ज़िया वो पल, उसे जीना, थी वही ज़िन्दगी, सब याद मुझे,
कुछ तो, ना था बीच हमारे, हमसफ़र थे, सफर खत्म सा,
चुप चुप सी, उनकीआंखे,यादों का बस, एक एहसास सा,
© जयेश वर्मा
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