सुश्री रुचिता तुषार नीमा

 

☆ कविता ☆ राजभाषा मास विशेष – हिन्दी ☆ सुश्री रुचिता तुषार नीमा ☆

मेरी प्यारी मातृभाषा है हिंदी,

हम सबकी दुलारी है हिंदी…

 

रिश्तों की मर्यादा सिखाती है हिंदी…

बड़े छोटे का रिश्ता समझाती है हिंदी…

बड़ों को सम्मान छोटों को दुलार सिखाती है हिंदी

अपनेपन  का भाव दर्शाती है हिंदी…

 

संस्कृत से जन्मी बड़ी सरल है हिंदी…

अलग अलग संस्कृति का समावेश है हिंदी…

हर शब्द का विशेष अर्थ रखती है हिंदी…

व्याकरण की गरिमा दिखाती है हिंदी…

 

हिंदुस्तान की पहचान है हिंदी…

जनजन की आवाज़ है हिंदी…

ईश्वर की प्रार्थना है हिंदी…

माँ की मधुर वाणी है हिंदी…

 

गर्व है हमें कि हमको आती है हिंदी…

मेरे व्यक्तित्व की पहचान है हिंदी…

मेरी मातृभाषा है हिंदी…

मेरा अभिमान, स्वाभिमान है हिंदी…

© सुश्री रुचिता तुषार नीमा

14-09-2022

इंदौर, मध्य प्रदेश

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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