श्री केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल
(ई-अभिव्यक्ति में युवा साहित्यकार श्री केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल जी का हार्दिक स्वागत है। आप लखनऊमें पले बढ़े और अब पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। आपको बचपन से ही हिंदी और अंग्रेजी कविताएं लिखने का शौक है। आज प्रस्तुत है आपकी एक विचारणीय कविता लोग।)
☆ कविता ☆ लोग ☆ श्री केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल ☆
अच्छे लोग
बुरे लोग
मतलबी लोग
दिलदार लोग
भीड़ बढ़ाते लोग
और फिर भी तनहा रह जाते लोग
शोर मचाते लोग
और फिर खामोश हो जाते वही लोग
तेज़ भागते लोग
ठहरे ठहरे से लोग
उदास लोग
उम्मीद बढ़ाते लोग
भरोसेवाले लोग
और धोखा खाये लोग
और जाने कितने विशेषणों द्वारा
और जाने कितने पर्यायों द्वारा बखाने गए
पर फिर भी अपरिभाषित लोग
पर समय बीतते बीतते
सिर्फ लोग रह जातें है
न पर्याय न विशेषण
सिर्फ लोग रह जातें हैं ॥
© केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल
पुणे मो 9425592588
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈