श्री जयेश वर्मा
(श्री जयेश कुमार वर्मा जी बैंक ऑफ़ बरोडा (देना बैंक) से वरिष्ठ प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। हम अपने पाठकों से आपकी सर्वोत्कृष्ट रचनाएँ समय समय पर साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता शिकवा.. ।)
☆ कविता ☆ शिकवा.. ☆ श्री जयेश वर्मा☆
मुख्तसर सी
बात है,
तमाम उम्र,
रहे मेरे साथ,
अब रहना
गवारा नहीँ,
क्या कहूँ,
कहाँ जाऊँ,
कोई अब,
सहारा नहीँ,
उम्र की ढलान पर,
कोई ले यूँ रुखसत,
मुझको भी तो
ये मंज़ूर नहीँ..
सरे राह हाथों
उड़ गये तोते
कौन बताये
हम परिंदे नहीँ हैं,
पंख नहीँ हैं, हमारे,
पहरों पहर पीता रहा,
आँखों के प्यालों, से,
धीमा जहर दिया
बताया नहीँ मुझे,
क्या, गिला
कैसा शिकवा,
किससे करूँ,
किस्मत, समय,
ज़िन्दगी, या रब से..
© जयेश वर्मा
संपर्क : 94 इंद्रपुरी कॉलोनी, ग्वारीघाट रोड, जबलपुर (मध्यप्रदेश)
वर्तमान में – खराड़ी, पुणे (महाराष्ट्र)
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≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈