श्री प्रहलाद नारायण माथुर
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☆ साप्ताहिक स्तम्भ – मृग तृष्णा # 4 – हर फूल में महक हो जरूरी नहीं ☆
हर फूल में महक हो यह कोई जरूरी नहीं,
बस खिल कर किसी के काम आ जाए यह क्या कम है?
हर फूल का इत्र बने यह कोई जरूरी नहीं,
बस खिल कर बगिया को रोशन कर दे यह क्या कम है?
हर फूल बगिया को रोशन करे यह जरूरी नहीं,
भगवान के चरणों में जगह पा धन्य हो जाए यह क्या कम है?
हर फूल मंदिर में चढ़ पवित्र हो जाए यह जरूरी नहीं,
किसी तस्वीर पर चढ़ लोगों की आंखे नम कर दे यह क्या कम है?
हर फूल तस्वीर पर चढ़े यह भी कोई जरूरी नही,
फूल खिलकर बगियाँ को रंग-बिरंगा कर दे यह क्या कम है?
हर फूल पर कांटों का पहरा हो यह कोई जरूरी नही,
रंग बिरंगे फूल फिजा में खुशबू फैला दे यह क्या कम है?
© प्रह्लाद नारायण माथुर
बहुत सुंदर रचना!!!
जी बहुत धन्यवाद।