श्री आर के रस्तोगी

☆ होली पर्व विशेष – क्या करना है इस बार होली में ? ☆ श्री आर के रस्तोगी☆ 

जो ग़मगीन चेहरे है,रंगीन रंग भर दो उनकी झोली में |

कोई भी उदास न रहे,इस गुलाल रंगो से भरी होली में ||

 

बंद है जो बुजुर्ग घरो में,इस कठिन कोरोना काल में |

उनके साथ होली खेलो,खुश रखो उनको हर हाल में ||

 

रूठे है जो दोस्त तुमसे,गुलाल लगाओ उनको होली में |

नाचो कूदो उनके संग,गाना गाओ तुम उनकी टोली में ||

 

सीमा पर है जो तैनात जवान,रंग बरसाओ उनकी टोली में |

दुश्मन के छक्के छूट जाये,बारूद भरो तुम उनकी गोली में ||

 

सम्मान करो उन बहनो का,जिनका सिन्दूर पुछा है होली में|

फिर से उनको दुल्हन बनाओ,श्रृंगार करो उनका इस होली में ||

 

ईर्ष्या घृणा मनमुटाव का दहन करो,तुम सब इस होली में |

सबको गले लगा लो तुम,जो रूठ गए थे पिछली होली में ||

 

© श्री आर के रस्तोगी

गुरुग्राम

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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