महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.३८॥ ☆
अप्य अन्यस्मिञ जलधर महाकालम आसाद्य काले
स्थातव्यं ते नयनविषयं यावद अत्येति भानुः
कुर्वन सन्ध्यावलिपटहतां शूलिनः श्लाघनीयाम
आमन्द्राणां फलम अविकलं लप्स्यसे गर्जितानाम॥१.३८॥
कहीं शाम के पूर्व जो मेघ पहुंचो
वहां सूर्य के अस्त तक विरम जाना
त्रिशूली महाकाल के सांध्यवंदन
समय गर्ज दुन्दुभि बजा पुण्य पाना
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈