प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे
☆ गीत – “साथ तुम्हारा…” ☆ प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे ☆
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हर पल साथ तुम्हारा हो, तेरा मुझे सहारा हो।
तुमसे बढ़कर और नहीं, तुझ तक जीवन सारा हो।।
मेरे प्रियवर, मेरे साथी,
चाहत है बस तेरी
तुझ तक सीमित मेरा जीवन,
और भावना मेरी
हर पल साथ तुम्हारा हो, बस तुझ पर दिल हारा हो।
हर पल साथ तुम्हारा हो, तेरा मुझे सहारा हो।।
गहन तिमिर में तू उजियारा,
है वसंत की बेला
तू केवल लगती मलयानिल,
दुनिया जगे झमेला
पास रहे तू हर पल मेरे, वरना दिल बेचारा हो।
हर पल साथ तुम्हारा हो, तेरा मुझे सहारा हो।।
तू जीवन की धवल चाँदनी,
सुखद एक अहसास
सभी ओर तो रोदन दिखता,
तू केवल विश्वास
सूरज-चाँद उगें जीवन में , सब कुछ तुझ पर वारा हो।
हर पल साथ तुम्हारा हो, तेरा मुझे सहारा हो।।
भजन-आरती तुझमें दिखते,
गुरुवाणी का गायन
परभाती की रौनक तुझमें,
राम-राम अभिवादन
पूरणमासी प्यार तुम्हारा, बहती गंगा धारा हो।
हर पल साथ तुम्हारा हो, तेरा मुझे सहारा हो।।
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© प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे
प्राचार्य, शासकीय महिला स्नातक महाविद्यालय, मंडला, मप्र -481661
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