महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत …. उत्तरमेघः ॥२.४२॥ ☆
शब्दाख्येयं यदपि किल ते यः सखीनां पुरस्तात
कर्णे लोलः कथयितुम अभूद आननस्पर्शलोभात
सो ऽतिक्रान्तः श्रवणविषयं लोचनाभ्याम अदृष्टस
त्वाम उत्कण्ठाविरचितपदं मन्मुखेनेदम आह॥२.४२॥
कथन योग्य अपनी सरल बात भी जो
कि मुख स्पर्ष हित कान मे था बताता
अब श्रवण और दृष्टि से दूर तव प्राण
मम मुख व्यथा तुम्हें अपनी सुनाता
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈