महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.५॥॥ ☆
धूमज्योतिःसलिलमरुतां संनिपातः क्व मेघः
सन्देशार्थाः क्व पटुकरणैः प्राणिभिः प्रापणीयाः
इत्य औत्सुक्याद अपरिगणयन गुह्यकस तं ययाचे
कामार्ता हि प्रकृतिकृपणाश चेतनाचेतएषु॥१.५॥
प्रकाश सलिल वायु धूम्र विनिर्मित
कहां घन , कहां योग्य संदेशहारी
पर भूल इस भेद को कामआतुर ने
जड़ और चेतन की सीमा बिसारी
प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈