श्री संजय भारद्वाज
(श्री संजय भारद्वाज जी – एक गंभीर व्यक्तित्व । जितना गहन अध्ययन उतना ही गंभीर लेखन। शब्दशिल्प इतना अद्भुत कि उनका पठन ही शब्दों – वाक्यों का आत्मसात हो जाना है।साहित्य उतना ही गंभीर है जितना उनका चिंतन और उतना ही उनका स्वभाव। संभवतः ये सभी शब्द आपस में संयोग रखते हैं और जीवन के अनुभव हमारे व्यक्तित्व पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं। हम आपको प्रति रविवार उनके साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच शीर्षक के अंतर्गत उनकी चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुँचा रहे हैं। सप्ताह के अन्य दिवसों पर आप उनके मनन चिंतन को संजय दृष्टि के अंतर्गत पढ़ सकते हैं। )
☆ आपदां अपहर्तारं ☆
🕉️ श्रीमहालक्ष्मी साधना 🌻
दीपावली निमित्त श्रीमहालक्ष्मी साधना, कल शनिवार 15 अक्टूबर को आरम्भ होकर धन त्रयोदशी तदनुसार शनिवार 22 अक्टूबर तक चलेगी।इस साधना का मंत्र होगा-
ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः।
आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप स्वयं तो यह प्रयास करें ही साथ ही, इच्छुक मित्रों /परिवार के सदस्यों को भी प्रेरित करने का प्रयास कर सकते हैं। समय समय पर निर्देशित मंत्र की इच्छानुसार आप जितनी भी माला जप करना चाहें अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं ।यह जप /साधना अपने अपने घरों में अपनी सुविधानुसार की जा सकती है।ऐसा कर हम निश्चित ही सम्पूर्ण मानवता के साथ भूमंडल में सकारात्मक ऊर्जा के संचरण में सहभागी होंगे। इस सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी के लिए आप श्री संजय भारद्वाज जी से संपर्क कर सकते हैं।
संजय दृष्टि – संग्रह
संग्रह दोनों ने किया,
उसका संग्रह
भीड़ जुटाकर भी,
उसे अकेला करता गया..,
मेरे संग्रह ने
एकाकीपन
पास फटकने न दिया,
अंतर तो रहा यारो!
उसने धनसंग्रह किया,
मैंने जनसंग्रह किया..!
© संजय भारद्वाज
रविवार 16 अप्रैल 2017, प्रातः 8:16 बजे
अध्यक्ष– हिंदी आंदोलन परिवार ☆सदस्य– हिंदी अध्ययन मंडल, पुणे विश्वविद्यालय ☆संपादक– हम लोग ☆पूर्व सदस्य– महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ☆ ट्रस्टी- जाणीव, ए होम फॉर सीनियर सिटिजन्स ☆
संजयउवाच@डाटामेल.भारत
जन संग्रह – एक कठिन कार्य है, वह भी कलम की शक्ति से प्रभावित जन संग्रह तो बहुत बड़ा काम है।
न जाने इससे कितने प्रभावित हो सकारात्मक विचारों के पथिक बन जाते हैं।
बधाई मित्र इस जन संग्रह की वृत्ति बनी रहे।
हे जनसंग्रहक !
जनता जनार्दन के मन में बसनेवाले रचनाकार के प्रति-कोटिश: नमन,
उपकृत है जनता -सादर अभिवादन .……🙏
हे जनसंग्राहक !……नतमस्तक है जनता , जनतंत्र की आन, बान ,शान हैं
आप !
कलम की ताकत से जनसंग्रह कर लोगों को अपना बनाने वाले लोग विरले ही होते हैं। हार्दिक बधाई आपको।