यात्रा संस्मरण ☆ न्यू जर्सी से डायरी… 1 ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
सुबह घूमते हुए …
अपने प्यारे पेड़ पौधों को आठ दस दिनों के लिए छोड़ कर जाना पड़े तो उनके लिए सिंचाई की व्यवस्था देखने मिली , सुबह घूमते हुए न्यूजर्सी में , जिप वाले पाली ट्री बैग्स पेड़ के तने को पहना दिए गए हैं, उनमें कोई 50 लीटर पानी भरा जा सकता है। व्यवस्था है की बूंद बूंद रिसाव जब तक पानी है अर्थात अगले लगभग 10 दिनों तक पेड़ की सिंचाई होती रहती है।
दक्षिण भारत में घूमते हुए ऐसी ही व्यवस्था देखी थी, जिसमे एक बड़े घड़े में पानी भरकर उसे पेड़ के तने के पास गाड़ दिया गया था, एक छेद करके उस में रुई भर दी गई थी।
नारियल के पेड़ के पास घड़े में नमक डाल दिया गया था, जिससे उसे समुद्र किनारे होने का अहसास हो।
खाद तथा वांछित रसायन भी इस तरह पेड़ो को धीमी गति से दिए जा सकने की प्रणाली बनाई जा सकती है।
विवेक रंजन श्रीवास्तव, न्यूजर्सी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈