श्री नवेन्दु उन्मेष

☆ व्यंग्य  ☆ फर्जी के पहाड़ पर बैठा है आदमी ☆ श्री नवेन्दु उन्मेष

हमारे देश का हर आदमी फर्जी चीजों के पहाड़ पर बैठा हुआ है। जिधर भी नजर दौड़ाइये हर तरफ फर्जी ही फर्जी नजर आता है। आप जो खा-पी रहे हैं उसमें मिलावट है जिसे आप फर्जी सामान कहते हैं। यहां तक कि देश में कई नेता और अभिनेता भी फर्जी हैं। नेता फर्जी बातें करता है। अभिनेता डुप्लीकेट है यानी फर्जी है। जिस मोबाइल की सिम से आप बातें कर रहे हैं हो सकता है कि वह भी फर्जी हो। आपके पास आने वाले कई काॅल भी फर्जी होते हैं। अगर आपने मिस्ड काॅल का उत्तर दिया तो आपके मोबाइल का बैलैंस गायब हो जाता है। फर्जी बैंक अधिकारी बनकर आपको साइबर अपराधी फोन करते हैं अगर गलती से आपने अपना एटीएम नंबर बता दिया तो आपके बैंक का बैलेंस खाली हो जाता है। यहां तक कि फर्जी शराब पीकर लोग मौत को गले लगा लेते हैं। इलाज के लिए अस्पताल में गये तो वहां इलाज करने वाला डाॅक्टर है या कंपाउंडर आपको पता नहीं चलता है। यहां तक उसने जो दवा दी है वह भी फर्जी हो सकता है। दवा तो खा रहे हैं लेकिन फर्जी होने के कारण असर नहीं करता है। मिनरल वाटर के नाम पर फर्जी पानी सप्लाई की जाती है। यहां तक कि फर्जी आईएसआई का मार्का लगाकर फर्जी सामान बेचे जा रहे हैं। आप सोच रहे हैं सामान ठीक है लेकिन कुछ दिनों के बाद आपको पता चलाता है कि दुकानदार ने तो ज्यादा कमाई के चक्कर में आपको फर्जी सामान थमा दिया है।

आपकी इच्छा विदेशों में नौकरी करने की होती है। आपने किसी विदेशी एजेंसी को एप्रोच किया। उसने कहा इतने रूपये लगेंगे। आप अपना घर-द्वार बेचकर एजेंसी वाले को इस लालच में पैसा देते हैं कि विदेश में जाकर कमाई करेंगे तो इससे अच्छा घर बना लेंगे। विदेश जाकर आपको पता चला कि आप घरेलू नौकर के रूप में काम कर रहे हैं। अगर आप अपने देश में नौकरी खोजने के लिए निकलते हैं तो पता चलाता है कि फर्जी साक्षात्कार भी फर्जी कंपनी ने ली
है। पैसे लेने के बाद आपको फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया है। नियुक्त किये जाने वाले दफ्तर में जाने पर आपको पता चलाता है कि आपका नियुक्ति पत्र फर्जी है। फर्जी नियुक्ति पत्र रखने के कारण आपको हवालात भेज दिया गया है। संभव यह भी है कि थाने में नियुक्त पुलिस अधिकारी भी फर्जी हो। वह आपको छोड़ने के एवज में रूपये मांग रहा हो और आप भी कम चालाक नहीं हैं। आपके पास फर्जी एटीएम कार्ड है। आप एटीएम क्योस में गये वहां से फर्जी यानी नकली रूपये निकल गये। आपने उन फर्जी रूपयों को लाकर फर्जी पुलिस अधिकारी को थमा दिया और आप वहां से छूट गये।

आपने कई बार अखबारों में प्रकाशित समाचारों को देखा होगा। फर्जी आईएएस बनकर लोगों को डराया-धमकाया और रूपयों की ठगी कर ली। अंत में फर्जी आईएएस गिरफ्तार भी हुआ। आपके घर में फर्जी बिजली अधिकारी आकर छापेमारी करता है और कहता है कि आप बिजली की चोरी कर रहे हैं। आपने फर्जी रूपये निकाले और उसे थमा दिया। वह अधिकारी खुश होकर चला गया। बाजार में रूपये चलाया तो उसे पता चला कि रूपये तो नकली हैं। यहां तक कि राशन कार्ड, डाईविंग लाइसेंस, पेन नंबर भी फर्जी बनते हैं। इन फर्जी कार्ड के आधार पर सरकार की कई योजनाएं चलती हैं। यह अलग बात है कि आधार के आ जाने से विभिन्न प्रकार के फर्जी कार्ड पर अंकुश लगे हैं।

अब तो यहां तक कहा जाने लगा है कि देश में फर्जी समाचारों की भी खान है। सोशल मीडिया में डाले जा रहे 65 प्रतिशत समाचार फर्जी हैं। सरकार के सारे तंत्र इन्हें खोजने में लगे हैं। फर्जी समाचार के कारण देश में दंगा भड़कता है। फर्जी समाचार के कारण देश में अपराध होते हैं। नेताओं के फर्जी फोटो डालकर उनका चरित्र हनन किया जाता है।

फेसबुक पर लाॅगिग कीजिए तो आपको पता चलेगा कि फर्जी प्रेमिकाओं की भी बाढ़ है। आपने किसी लड़की को फेसबुक पर पटा लिया है और खुश हैं तो भ्रम में हैं। बाद में पता चलता है कि वह तो एक लड़का था जिसे आप एक खूबसूरत लड़की समझ रहे थे। यानी प्यार भी फर्जी है। प्यार करने वाला व्यक्ति भी फर्जी होता है। आप प्यार के मामले में भी ठगे जा रहे हैं। फर्जी लड़की से प्यार करके आप सब कुछ गंवा चुके हैं।

आप शादी करना चाहते हैं। कुछ लोगों को कहा कि कोई लड़की मेरे लिए बताना। मैं शादी करना चाहता हॅूं। एक ने आपको बताया कि मेरे मुहल्ले में एक अच्छी लड़की है। आपको दिखाया गया। अपने अपना जेब ढीला करके शादी कर ली। लड़की के लिए कीमती जेवर-गहने बनवा दिये। सुहागरात के दिन लड़की गायब हो गयी। आप सोच रहे हैं कहीं वह लड़की फर्जी तो नहीं थी। शादी में उसके माता-पिता बने लोग भी कहीं फर्जी तो नहीं थे। बाद में पुलिस लड़की को गिरफ्तार करती है। पता चलाता है कि उसने अपने जीवन में इसी तरह दर्जनभर शादियां की है। आप भी ठगी के शिकार हो गये है। मतलब साफ है देश फर्जी लोगों के सहारे चल रहा है। जिधर नजर दौड़ाईये फर्जी ही फर्जी की बू आती है।

© श्री नवेन्दु उन्मेष

संपर्क – शारदा सदन,  इन्द्रपुरी मार्ग-एक, रातू रोड, रांची-834005 (झारखंड) मो  -9334966328

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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