श्री कमलेश भारतीय
(जन्म – 17 जनवरी, 1952 ( होशियारपुर, पंजाब) शिक्षा- एम ए हिंदी , बी एड , प्रभाकर (स्वर्ण पदक)। प्रकाशन – अब तक ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित । कथा संग्रह – 6 और लघुकथा संग्रह- 4 । यादों की धरोहर हिंदी के विशिष्ट रचनाकारों के इंटरव्यूज का संकलन। कथा संग्रह -एक संवाददाता की डायरी को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिला पुरस्कार । हरियाणा साहित्य अकादमी से श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार। पंजाब भाषा विभाग से कथा संग्रह-महक से ऊपर को वर्ष की सर्वोत्तम कथा कृति का पुरस्कार । हरियाणा ग्रंथ अकादमी के तीन वर्ष तक उपाध्यक्ष । दैनिक ट्रिब्यून से प्रिंसिपल रिपोर्टर के रूप में सेवानिवृत। सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता)
☆ लघुकथा – अनकहा सा कुछ ☆ श्री कमलेश भारतीय ☆
-सुनो!
-कहो !
-मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूँ ।
-कहो न फिर !
-समझ नहीं आता कैसे कहूं, किन शब्दों में कहूं?
-अरे! तुम्हें भी सोचना पड़ेगा?
-हां ! कभी कभी हो जाता है ऐसा !
-कैसा ?
-दिल की बात कहना चाहता हूँ पर शब्द साथ नहीं देते !
-समझ गयी मैं !
-क्या.. क्या… समझ गयी तुम ?
-अरे रहने भी दो ! कब कहा जाता है सब कुछ !
-बताओ तो क्या समझी ?
-कुछ अनकहा ही रहने दो ।
-क्यों ?
-ऐसी बातें बिना कहे, दिल तक पहुंच जाती हैं !
-फिर तो क्या कहूं ?
-अनकहा ही रहने दो !
-क्यों?
-तुमने कह दिया और दिल ने सुन लिया! अब जाओ !
-क्यों ?
-शर्म आ रही है बाबा! अब जाओ !
© श्री कमलेश भारतीय
पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
संपर्क : 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈