श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

(सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी का  हिन्दी बाल -साहित्य  एवं  हिन्दी साहित्य  की अन्य विधाओं में विशिष्ट योगदान हैं। साप्ताहिक स्तम्भ “श्री ओमप्रकाश जी के हाइबन ”  के अंतर्गत उनकी मानवीय दृष्टिकोण से परिपूर्ण लघुकथाएं आप प्रत्येक गुरुवार को पढ़ सकते हैं।  आज प्रस्तुत है एक लघुकथा  “अपेक्षा। )

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – श्री ओमप्रकाश जी की लघुकथाएं # 70 ☆

☆ अपेक्षा ☆

उसने धीरे से कहा, ” आप सभी को कुछ ना कुछ उपहार देती रहती हैं|”

“हाँ,” दीदी ने जवाब दिया, ” कहते हैं कि देने से प्यार बढ़ता है|”

“तब तो आपकी बहू को भी आपको कुछ देना चाहिए| वह आपको क्यों नहीं देती है?” उसने धीरे से अगला सवाल छोड़ दिया|

“क्योंकि वह जानती है,” कहते हुए दीदी रुकी तो उसने पूछा,” क्या?”

“यही कि वह जो भी प्यार से देगी, वह प्यारी चीज मेरे पास तो रहेगी नहीं| मैं उसे दूसरे को दे दूंगी| इसलिए वह अपनी पसंद की कोई चीज मुझे नहीं देती है|”

“तभी आपकी बहु आपसे खुश है,” कहते हुए उसे अपनी बहु की घूरती हुई आंखें नजर आ गई |जिसमें घृणा की जगह प्रसन्नता के भाव फैलते जा रहे थे |

© ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

14-09-20

पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़-४५८२२६ (नीमच) म प्र

ईमेल  – [email protected]

मोबाइल – 9424079675

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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