सौ. सुजाता काळे
(सौ. सुजाता काळे जी मराठी एवं हिन्दी की काव्य एवं गद्य विधा की सशक्त हस्ताक्षर हैं । वे महाराष्ट्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कोहरे के आँचल – पंचगनी से ताल्लुक रखती हैं। उनके साहित्य में मानवीय संवेदनाओं के साथ प्रकृतिक सौन्दर्य की छवि स्पष्ट दिखाई देती है। आज प्रस्तुत है सौ. सुजाता काळे जी की ऐसी ही एक प्राकृतिक सौंदर्य की विवेचना कराती हुई मराठी कविता ‘एक पहाट………’।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कोहरे के आँचल से # 6☆
☆ एक पहाट………☆
प्रत्येक अंधार्या रात्रि नंतर,
एक उषाःकाल होत असतो ……
कधी कधी सूर्य ही स्वत: सवे
येताना चन्द्र तारे आणत असतो ….
नक्षत्रानी नटलेले आकाश
आपण फ़क्त पाहत असतो …..
तेजोमय जग होताना आकाश
स्तब्ध होऊंन पाहत असतो ….
© सुजाता काळे …
पंचगनी, महाराष्ट्र।
9975577684