डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची ‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। उनके “साप्ताहिक स्तम्भ -साहित्य निकुंज”के माध्यम से आप प्रत्येक शुक्रवार को डॉ भावना जी के साहित्य से रूबरू हो सकेंगे। आज प्रस्तुत है डॉ. भावना शुक्ल जी की एक प्रेरणास्पद एवं भावप्रवण कविता “कैसे कहूँ ? ”। )
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – # 16 साहित्य निकुंज ☆
☆ कैसे कहूँ ? ☆
भाव मन में
बहने लगे
अनायास
कैसे कहूँ ?
कुछ न आता समझ
व्यक्त कैसे करूं
मन की बातें
कैसे कहूँ ?
दिल पर
छाई है उदासी
बेवजह
कैसे कहूँ ?
उनके शब्दों में
है जान
मिलती है प्रेरणा
कैसे कहूँ ?
बिखरे शब्द
लगे सिमटने
मिला आकर
कैसे कहूँ ?
आयेगा वो पल
चमकेगी किस्मत
समझोगे तब
कैसे कहूँ ?
है मंजिल सामने
वहीं है खास
हो जाती हूं नि:शब्द
कैसे कहूँ ?
© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक…प्राची