श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

(सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी का  हिन्दी बाल -साहित्य  एवं  हिन्दी साहित्य  की अन्य विधाओं में विशिष्ट योगदान हैं। साप्ताहिक स्तम्भ “श्री ओमप्रकाश जी की लघुकथाएं ”  के अंतर्गत उनकी मानवीय दृष्टिकोण से परिपूर्ण लघुकथाएं आप प्रत्येक गुरुवार को पढ़ सकते हैं।  आज प्रस्तुत है उनकी लघुकथा  “नसीहत”। )

 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – श्री ओमप्रकाश जी की लघुकथाएं – #18 ☆

 

☆ नसीहत ☆

 

थाइराइड से मोटी होती हुई बेटी को समझाते हुए मम्मी ने कहा, ” तू मेरी बात मान लें. तू रोज घुमने जाया कर. तेरे हाथपैर व माथा दुखना बंद हो जाएगा. मगर, तू हमारी सलाह कहां मानती है ?” मां ने नाराजगी व्यक्त की.

” वाह मम्मी! आप ऐसा मत करा करो. आप तो हमेशा मुझे जलील करती रहती है.”

” अरे! मैं तूझे जलील कर रही हूं,” मम्मी ने चिढ़ कर कहा, ” तेरे भले के लिए कह रही हूं. इस से तेरे हाथ पैर व माथा दुखना बंद हो जाएगा.”

” तब तो तू भी इस के साथ घूमने जाया कर,” बहुत देर से चुपचाप पत्नी के बात सुन रहे पति ने कहा तो पत्नी चिढ़ कर बोली, ” आप तो मेरे पीछे ही पड़े रहते हैं. आप को क्या पता है कि मैं नौकरी और घर का काम कैसे करती हूं. यह सब करकर के थक कर चूर हो जाती हूं. और आप है कि मेरी जान लेना चाहते हैं.”

” और मम्मी आप, मेरी जान लेना चाहती है,” जैसे ही बेटी ने मम्मी से कहा तो मम्मी झट से अपने पति से बोल पड़ी, ” आप तो जन्मजात मेरे दुश्मन है……. ”

बेटी कब चुप रहती. उस ने कहा, ” और मम्मी आप, मेरी दुश्मन है. मेरे ही पीछे पड़ी रहती है. आप को मेरे अलावा कोई कामधंधा नहीं है क्या ?”

यह सुन कर, पत्नी पराजय भाव से पति की ओर देख कर गुर्रा रही थी. पति खिसियाते हुए बोले, ” मैं तो तेरे भले के लिए बोल रहा था. तेरे हाथ पैर दुखते हैं वह घूमने से ठीक हो जाएंगे. कारण, घूमने से मांसपेशियों में लचक आती है. यही बात तो तू इसे समझा रही थी.”

इस पर पत्नी चिढ़ पड़ी, ” आप अपनी नसीहत अपने पास ही रखिए.” इस पर पति के मुंह से अचानक निकल गया,” आप खावे काकड़ी, दूसरे को दैवे आकड़ी,” और वे विजयभाव से मुस्करा दिए.

” क्या!” कहते हुए पत्नी की आँखों  से अंगार बरसने लगे. मानों वह बेटी और पति से पराजित हो गई हो.

 

© ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़-४५८२२६ (नीमच) मप्र

ईमेल  – [email protected]

मोबाइल – 9424079675

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments