डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं “भावना के दोहे …रक्षा बंधन ”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 144 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे …रक्षा बंधन ☆
लगी द्वार पर टकटकी
देख रही हूँ राह।
राखी के अवसर की
है बहना को चाह।।
चौमासे की धूम है,
हर दिन है त्यौहार।
संग सखी, भाई बहन,
मिले पिया का प्यार।।
राखी के दिन भाई बहना
आया है शुभ दिन क्या कहना।
देते दुआएं भाई हमको
राखी तो भाई का गहना।।
रक्षा बंधन प्यार का,
प्यारा सा त्योहार।
खुशियां भाई बहिन की,
मना रहा संसार।।
© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120, नोएडा (यू.पी )- 201307
मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]