श्री एस के कपूर “श्री हंस”
(बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं। आप प्रत्येक शनिवार श्री एस के कपूर जी की रचना आत्मसात कर सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपका एक भावप्रवण मुक्तक ।। जिन्दगी अभी बाकी है ।।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ “श्री हंस” साहित्य # 59 ☆
☆ मुक्तक ☆ ।। जिन्दगी अभी बाकी है ।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
[1]
नई उड़ान नए आगाज़ का वक़्त बाकी है।
नई सोच किसी नए साज का वक़्त बाकी है।।
अभी तो खेली है बस पहली पारी जीवन की।
दूसरी पारी का खुलना राज़ अभी बाकी है।।
[2]
अधूरी हसरतों को नए परवाज़ अभी देना है।
जो पीछे छूट गए उनको आवाज़ अभी देना है।।
अभी तक जो सुप्त ललक लगन कई कामों की।
जगाकर उस जोश कोअपनाआज अभी देना है।।
[3]
देश समाज के लिए सरोकार अभी निभाना है।
बढ़करआगे कुछ नया करके दिखाना है।।
अभी उम्र गर साठ की हुई तो क्या बात।
नई नई मंजिलों पर लगानाअभी निशाना है।।
[4]
बहुत दूर जाना कि जिंदगी अभी बाकी है।
जोशो जनून का जाम खुद बनेगा साकी है।।
बच्चों परिवार को दिखाना हरअच्छा रास्ता।
जिस पल ठहरे बनेगा जीवन बैसाखी है।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली
मोब – 9897071046, 8218685464