डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं “भावना के दोहे…”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 191 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे ☆
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निज साँसों में बस रहा, तेरा मेरा गीत।
पा लूँ तुझको मैं तभी, जीवन है संगीत।।
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नेह की तरंग मन में , लेती रोज उछाल।
दिल से पूछो हमारा, यही बुरा है हाल।।
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रिमझिम रिमझिम बरसता, बरसे बादल आज।
लगे न मन मेरा सजन, करने को कोई काज।।
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नैन विरह में बरस रहे, हृदय करे चित्कार।
सूना आंगन सजन बिन, सावन करे पुकार।।
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120, नोएडा (यू.पी )- 201307
मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
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