(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है एक कविता – कापी पेस्ट। 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 280 ☆

? कविता – कापी पेस्ट ?

अब

मौलिक नया

कम,

 

ऊपर का नीचे

नीचे का पैरा ऊपर

पहला और अंतिम वाक्य

अपना

शीर्षक चटकारी

इसका उसमे

उससे इसमें

उनकी कविता

जाने किसके किसके

नाम

अपने नेरेटिव

स्थापित नामो के साथ

 

यदि एक दो

विदेशी भाषाएं

जानते हैं तब तो

पौ बारह

वरना अनुवाद भी सुलभ

 

विकिपीडिया

पुरानी किताबें हैं न

हर विषय पर

कापी पेस्ट

 

पुस्तकें ज्यादा

काम कम

* * * *

© विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ 

म प्र साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार

संपर्क – ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023

मोब 7000375798, ईमेल [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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