श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ “श्री हंस” साहित्य # 115 ☆
☆ मुक्तक – ।।दिल जीते जाते हैं दिल में उतर जाने से।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
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[1]
हर पल नया साज नई आवाज है जिंदगी।
कभी खुशी कभी गम बेहिसाब है जिंदगी।।
अपने हाथों अपनी किस्मत का देती है मौका।
हर रंग समेटे नया करने का जवाब है जिंदगी।।
[2]
जीतने हारने की ये हर हिसाब रखती है।
यह जिंदगी हर अरमान हर ख्वाब रखती है।।
हार के बाजी पलटने की ताकत जिंदगी में।
जिंदगी बड़ीअनमोल हर ढंग नायाब रखती है।।
[3]
समस्या गर जीवन में तो समाधान भी बना है।
हर कठनाई से पार पाने का निदान भी बना है।।
देकर संघर्ष भी हमें यह है संवारती निखारती।
जीतने को ऊपर ऊंचा आसमान भी बना है।।
[4]
तेरे मीठे बोल जीत सकते हैं दुनिया जहान को।
अपने कर्म विचार से पहुंच सकते हैं आसमान को।।
अपने स्वाभिमान की सदा ही रक्षा तुम करना।
मत करो और नहीं गले लगायो अपमान को।।
[5]
युद्ध तो जीते जाते हैं ताकत बम हथियारों से।
पर दिल नहीं जीते जाते कभी भी तलवारों से।।
उतरना पड़ता दिल के अंदर अहसास बन कर।
यही बात समा जाए सबके ही किरदारों में।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
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