डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं  प्रदत्त शब्दों पर भावना के दोहे।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 233 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

दिल की सारी ख्वाहिशें, दिल है तेरे नाम।

हमने बस अब कर दिया, सब कुछ तेरे नाम।।

*

तुझसे अब कहते बना, हुई सुहानी शाम।

प्यारा सा अहसास है, लेना तेरा नाम।।

*

नादानी मुझसे हुई, कही प्यार की बात।

जाने क्या उसको हुआ, नहीं की मुलाकात।।

*

दुआ हमारी आपको, खुशियां मिले हजार।

माना हमने आपको, अपना ही परिवार।।

*

मां के आँचल में सदा, मिलता रहा दुलार।

माँ ममता की छांव में, है सारा संसार।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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