(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ” में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है एक आलेख – उधमसिंह भारत पाकिस्तान में बराबरी से चाहे जाते हैं।
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 286 ☆
आलेख – उधमसिंह भारत पाकिस्तान में बराबरी से चाहे जाते हैं
स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों को न्यौछावर करने वाले देश के महान सपूतों को डाक विभाग उन पर टिकिट जारी कर सम्मान देता है। भारतीय डाक विभाग ने ३१ जुलाई १९९२ को शहीद ऊधम सिंह की फोटो की एक रुपए की डाक टिकट जारी की थी। इस की दस लाख टिकिटें जारी कि गईं थी। इस टिकिट का डिजाइन श्री शंख सामंत द्वारा किया गया है। जिससे देश की युवा एवं भावी पीढ़ी को शहीदों के बलिदानों के प्रति जागरूक किया जा सके। टिकिट जारी करते हुये प्रथम दिवस आवरण भी जारी होता है जिस पर उधमसिंह के संदर्भ में प्रामाणिक जानकारियां संजोई गई हैं। किन्तु उसका दोबारा कोई रिप्रिंट नही किया गया इसलिये ऐसा लगता है कि डाक विभाग केवल एक बार ही शहीदों को याद कर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेता है। इस समय देश के किसी भी डाकघर में शहीद ऊधम सिंह से सम्बन्धित डाक टिकट प्रचलन में नहीं है। फिलाटेली में रुचि रखने वाले संग्रह कर्ताओ के पास अवश्य वह टिकट संग्रहित हैं। डाक टिकट पुनः जारी नहीं करने का कारण जानने के बारे में आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी विशेष विषय पर विभाग केवल एक बार डाक टिकट इश्यू करता है, जबकि वाइल्ड लाइफ, एन्वॉयरमेंट, ट्रांसपोर्ट, नेचर, चिल्ड्रन डे, फिलाटैलि डे, सीजनल ग्रीटिंग्स इत्यादि विषयों पर रेगुलर डाक टिकट फिर फिर जारी होते रहते हैं।
पाकिस्तान में भी शहीद उधम सिंह पर डाक टिकट जारी करने की मांग की गई है।
शहीद भगत सिंह, शहीद उधम सिंह, लाला लाजपत राय जैसे स्वातंत्रय वीर संयुक्त भारत में आजादी से पहले आज के पाकिस्तान से थे। कुछ वर्ष पहले लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के लॉन में उधम सिंह का ८०वां शहीदी दिवस मनाया गया था। शहीद उधम सिंह क्रांतिकारी के साथ एडवोकेट भी थे। उन्होंने विदेश में रह कर ही वकालत की थी। पाकिस्तान ने शहीद भगत सिंह के बाद उधम सिंह को भी अपना शहीद मान लिया है। पाकिस्तान में उधमसिंह के शहीदी दिवस की बरसी पर कैंडल मार्च निकाला गया था और उनकी शहादत को नमन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने उधम सिंह की देश की आजादी के लिए दी गई कुर्बानी को याद किया गया। भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के चेयरमैन एडवोकेट इम्तियाज कुरैशी और अब्दुल रशीद ने पाकिस्तान सरकार से अपील की कि शहीद उधम सिंह के नाम पर डाक टिकट जारी किया जाए और पाकिस्तान में किसी एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा जाए।
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© विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
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