श्री श्याम खापर्डे

(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “कोई वजह तो होगी ”

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 183 ☆

☆ # “कोई वजह तो होगी” #

तुम्हारे दिल में

थोड़ी सी जगह तो होगी

मुझे देखकर मुस्कुराने की

कोई वजह तो होगी

 

माना के तुम्हें कत्ल

करने की छूट है

पर मेरा ही कत्ल करने की

कोई वजह तो होगी

 

तुम्हारी आंखों में

छुपी हुई है चमकती बिजली यां

मेरे ही नशेमन पर गिराने की

कोई वजह तो होगी

 

अभी अभी तो

हम मीले है राह में

इतनी जल्दी बिछड़ने की

कोई वजह तो होगी

 

मोबाइल के जमाने मे

यह कैसी झिझक है

‘ मिसकॉल ‘ करके बुलाने की

कोई वजह तो होगी

 

सबसे अलग है

तुम्हारी ये अदायें

‘ श्याम ‘ के तुम पे मरने की

कोई वजह तो होगी /

*

© श्याम खापर्डे 

फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो  9425592588

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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