डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के मुक्तक।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 242 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के मुक्तक ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆
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चमकती बूंदे बारिश की आया मौसम सावन का।
काले काले छाए बदरा मौसम है मन भावन का ।
छाई है हरियाली इनकी सुंदरता बड़ी न्यारी।
करते महिमा शिव की गान आया है सावन पावन। का – –
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आया तीज का त्यौहार करते सबसे है व्यवहार।
बड़ा पावन महीना है मनाते सब है घर परिवार।
चमकती बूंदे बारिश की झलक दिखती है पत्तों पे।
लगी मेंहदी है हाथों पर दिखते है सब संस्कार।।
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
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