सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(संस्कारधानी जबलपुर की सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ ‘जी सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डिविजनल विजिलेंस कमेटी जबलपुर की पूर्व चेअर हैं। आपकी प्रकाशित पुस्तकों में पंचतंत्र में नारी, पंख पसारे पंछी, निहिरा (गीत संग्रह) एहसास के मोती, ख़याल -ए-मीना (ग़ज़ल संग्रह), मीना के सवैया (सवैया संग्रह) नैनिका (कुण्डलिया संग्रह) हैं। आप कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित हैं। आप प्रत्येक शुक्रवार सुश्री मीना भट्ट सिद्धार्थ जी की अप्रतिम रचनाओं को उनके साप्ताहिक स्तम्भ – रचना संसार के अंतर्गत आत्मसात कर सकेंगे। आज इस कड़ी में प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम रचना – नवगीत – दिव्य नव कविता… 

? रचना संसार # 17 – गीत – दिव्य नव कविता… ☆ सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’ ? ?

नित नये हैं बिंब लेकर,

दिव्य नव कविता चहकती।

लय सदा अनुपम निरंतर,

श्वेत पत्रों पर चमकती।।

 *

नवरसों से है अलंकृत,

शब्द में संदेश धारा।

चेतना के व्योम छूती,

इंद्रधनुषी वेश सारा।।

धार उन्नत लेखनी में,

शिल्प अद्भुत है समाया।

शारदे की है कृपा भी,

प्रेम अंतस् में जगाया।।

व्यंग्य करती है अनूठे,

पायलों -सी है खनकती।

 *

नित गढ़े उपमा नवल यह,

नव सृजन आभास लाती,

भाव गहरे सिंधु से भी,

रूप अद्भुत रास आती।।

घट भरे शृंगार के हैं

नित छटा अनुप्रास मिलती।

शूल राहों के हटाकर,

तूलिका है नित्य खिलती।।

बैठ कर साहित्य रथ पर,

आज नव कविता ठुमुकती।

 *

कल्पना उन्मुत्त उड़ती,

नव शिखर आनंद लाए ।

ज्ञान का आलोक देती,

काव्य में मकरंद भाए।।

सींचती है बिंब  चिंतन,

गंध देती रात रानी ।

तोड़हर बंधन बही है,

झील-झरनों की कहानी।।

है मदन सुर सोमरस- सा,

लेखनी कवि की चहकती।

 

© सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश)

संपर्क –1308 कृष्णा हाइट्स, ग्वारीघाट रोड़, जबलपुर (म:प्र:) पिन – 482008 मो नं – 9424669722, वाट्सएप – 7974160268

ई मेल नं- [email protected][email protected]

≈ संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकश पाण्डेय ≈

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