डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे – किताब)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 250 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे – किताब  ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

लिखती हूंँ मैं आज ही, तुझ पर एक किताब।

मुझे मिलेगा एक दिन, जिंदगी का खिताब।।

*

देखा तेरा चेहरा, लगा लिया अंदाज।

वो किताब अब तो नहीं, पढ़ ना पाए आज।।

*

किताबों को पढ़कर ही, मिले हमें संस्कार।

हमें उतरना चाहिए, अपने ही व्यवहार।।

*

देखो कैसे बोलती, जिंदगी की किताब।

सुख दुख सारे खोलती, देती यही हिसाब।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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