श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 306 ☆
कविता – आप निगरानी में हैं… श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ☆
चौबीस घंटे
एलेक्सा, गूगल
सब सुन रहे हैं,
हमारी बातें।
मोबाइल सब ट्रेस कर रहा है,
कहां , कब गए ,
कितनी देर रुके.
फायर अलार्म सूंघ रहा है
हर पल हमारी सांसे,
हवा की ठंडक।
जाने किन किन
कैमरों की निगाहों में
होते हैं हम
क्रेडिट या डेबिट कार्ड
को सब पता होता है
कहां क्या कितना
किस पर खर्च
कर रहे हैं हम
हजारों आभासी मित्रों
के बीच
फिर भी
कितने अकेले हैं
सब
अपने वितान में ।
© श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
म प्र साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार
संपर्क – ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023
मोब 7000375798, ईमेल [email protected]
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈