भगवान् महावीर जयंती विशेष 

डॉ निधि जैन 

ई- अभिव्यक्ति में डॉ निधि जैन जी का हार्दिक स्वागत है। आप भारती विद्यापीठ,अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पुणे में सहायक प्रोफेसर हैं। आपने शिक्षण को अपना व्यवसाय चुना किन्तु, एक साहित्यकार बनना एक स्वप्न था। आपकी प्रथम पुस्तक कुछ लम्हे  आपकी इसी अभिरुचि की एक परिणीति है। आपने हमारे आग्रह पर हिंदी / अंग्रेजी भाषा में  साप्ताहिक स्तम्भ – World on the edge / विश्व किनारे पर  प्रारम्भ करना स्वीकार किया इसके लिए हार्दिक आभार।  स्तम्भ का शीर्षक संभवतः  World on the edge सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं लेखक लेस्टर आर ब्राउन की पुस्तक से प्रेरित है। आज विश्व कई मायनों में किनारे पर है, जैसे पर्यावरण, मानवता, प्राकृतिक/ मानवीय त्रासदी आदि। आपका परिवार, व्यवसाय (अभियांत्रिक विज्ञान में शिक्षण) और साहित्य के मध्य संयोजन अनुकरणीय है। आज प्रस्तुत है  सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के सिद्धांत के प्रणेता भगवान महावीर जी की जयंती पर आपकी  विशेष कविता  “महावीर भगवान आज तुम होते तो कोरोना ना होता”।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ World on the edge / विश्व किनारे पर # 2 ☆

☆ महावीर भगवान आज तुम होते तो कोरोना ना होता ☆

(महावीर जयंती पर शाश्वत सुख पाने के लिए सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के सिद्धांत पर चलकर विश्व में कोरोना जैसी महामारी को हटाएं)

 

महावीर भगवान आज तुम कलयुग में होते तो,

विश्व में कोरोना जैसी महामारी नहीं होती।

 

हिंसा से अहिंसा का मूल सिखाकर मांसाहार छुड़ाते,

तो विश्व में कोरोना जैसी महामारी नहीं होती।

 

स्वच्छता और सत्य का मानव को पाठ  पढ़ा जाते,

तो विश्व में कोरोना जैसी महामारी नहीं होती।

 

अपरिग्रह (संतुष्टि) की राह दिखाते, दान धर्म को सब अपनाते,

तो विश्व में कोरोना जैसी महामारी नहीं होती।

 

जिन (आत्मा) सब में एक है, तो जात पात का भेद मिटा देते,

तो विश्व में कोरोना जैसी महामारी नहीं होती।

 

तेरा मेरा छोड़ सब का खून का रंग एक है, सब की पीड़ा एक है, विश्व को सिखा जाते,

तो विश्व में कोरोना जैसी महामारी नहीं होती।

 

मन को जीता महावीर ने, विश्व को जीता बिन लड़ाई के, हम भी जीत जाते,

तो विश्व में कोरोना जैसी महामारी नहीं होती ।

 

आओ हम सब महावीर भगवान की राह पर चले जाएं,

मानवता को मानव बन कर जी जाएं,

और इस कलयुग में कोरोना जैसी महामारी को हमेशा के लिए मिटाएं ।

 

©  डॉ निधि जैन, पुणे

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments