हेमन्त बावनकर

(स्वांतःसुखाय लेखन को नियमित स्वरूप देने के प्रयास में इस स्तम्भ के माध्यम से आपसे संवाद भी कर सकूँगा और रचनाएँ भी साझा करने का प्रयास कर सकूँगा।  आज प्रस्तुत है  एक आलेख  “अमेज़न किंडल – अपने मोबाईल पर ईबुक्स पढ़ें ”।  अभी भी  60 प्रतिशत से अधिक लेखक पाठक विशेषकर मेरी समवयस्क पीढ़ी सोचती है कि अमेजन किंडल ईबुक्स पढ़ने के लिए उन्हें अमेजन किंडल रीडर खरीदना पड़ेगा। ऐसी कई भ्रांतियां और आपको ईबुक्स की दुनिया से रूबरू कराने का एक छोटा सा प्रयास। अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिये और पसंद आये तो मित्रों से शेयर भी कीजियेगा । अच्छा लगेगा ।)  

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – अभिव्यक्ति # 17

☆ आलेख  – अमेज़न किंडल – अपने मोबाईल पर ईबुक्स पढ़ें    ☆

आज सारा विश्व एक विचित्र समय से गुजर रहा है। जैसा उन्मुक्त जीवन हम सब व्यतीत कर चुके हैं वैसा पुनः जी भी पाएंगे यह हमें स्वप्न सा प्रतीत हो रहा है। आज जब हम सुबह उठकर आदतन चाय के साथ समाचार पत्र पढ़ने के लिए समाचार पत्र उठाने के लिए हाथ बढ़ाते हैं तो मन में पहले यह विचार आता है कि समाचार पत्र को सेनिटाइज़ कैसे करें। इस चक्कर में लोगों ने समाचार पत्र के स्थान पर मोबाइल पर ई-समाचार पत्र पढ़ना प्रारम्भ कर दिया है अथवा टेलीविज़न पर समाचार देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। अब तो यूट्यूब पर भी वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने यूट्यूब समाचार चैनल बना लिए हैं।

अब रही पुस्तकों के प्रकाशन की बात तो यह तय है कि अन्य उद्योगों कि तरह प्रकाशन उद्योग को भी पटरी पर आने में समय लगेगा। आपको अपनी ही पुस्तक को छूने से पहले लगेगा कि इसे सेनीटाइज़ कैसे करें और जिसे आप पुस्तक देंगे वह उसे कैसे स्वीकारेगा? यह भविष्य ही बताएगा। ऐसे में ई-बुक व्यवसाय निश्चित ही एक क्रांतिकारी कदम है।

यदि आपको ईबुक्स के इतिहास जानने में रुचि है तो आप गूगल में सर्च कर सकते हैं अथवा U.S. Government Publishing Office’s (GPO) Government Book Talk! के  निम्न लिंक कर क्लिक कर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:

The History of eBooks from 1930’s “Readies” to Today’s GPO eBook Services

इसमें कोई दो मत नहीं कि पुस्तक का प्रिंट एडिशन ही सबको भाता है और किसी भी लेखक को अपनी पुस्तक के पेपरबेक या सजिल्द संस्करण को भेंट करने में गर्व का अनुभव होता है। किन्तु, आज पुस्तक प्रकाशन पहले जैसा नहीं रहा जब पुस्तक की गुणवत्ता के आधार पर पुस्तक का प्रकाशन होता था और उसके अनुरूप लेखक को रॉयल्टी प्राप्त होती थी।

आज सेल्फ पब्लिशिंग का समय है। लेखक को अपनी पुस्तक स्वयं के खर्च पर प्रकाशित करनी होती है और स्वयं ही सोशल मीडिया का सहारा लेकर बेचनी होती है, या मुफ्त में बांटनी होती है।

ऐसे समय में लेखकों के लिए ई-बुक एक वरदान है। यदि आपको ई-बुक्स की तकनीकी जानकारी है तो आप इस प्रणाली का बेहतर उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा अमेज़न द्वारा मुफ्त में उपलब्ध है, जिसे किंडल डाइरेक्ट पब्लिशिंग के नाम से जाना जाता है। आप इसकी विस्तृत जानकारी kdp.amazon.com पर प्राप्त कर सकते हैं। इस माध्यम से आप अपनी पुस्तकों को अमेजन की आवश्यकतानुसार उनके द्वारा तय मानकों में वर्ड फॉर्मेट में पुस्तक तैयार करने  के पश्चात् अमेजन में अपलोड कर   मुफ्त में ई-बुक के रूप में प्रकाशित कर अमेज़न पर बेच सकते हैं। अमेज़न प्लेटफॉर्म वर्तमान में लेखकों को गुजराती, हिन्दी, मलयालम, मराठी और तमिल भाषाओं में ईबुक्स प्रकाशित करने की सुविधा देता है।

लेखक अपनी अङ्ग्रेज़ी पुस्तकों को ईबुक्स और पेपरबेक दोनों संस्करण मुफ्त में प्रकाशित कर सकते हैं। किन्तु, भारत में अङ्ग्रेज़ी का प्रिंट संस्कारण उपलब्ध नहीं है। अभी भारतीय भाषाओं में अमेज़न द्वारा भारत में पेपरबेक संस्कारण की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। सार यह है कि वर्तमान में आप उपरोक्त पाँच भारतीय भाषाओं में ईबुक्स मुफ्त में प्रकाशित कर सकते हैं। प्रत्येक लेखक का डेशबोर्ड होता है जिसमे वे अपने बुकशेल्फ विक्रित पुस्तकों  का लेखा जोखा देख सकते हैं । अमेजन द्वारा निर्धारित रॉयल्टी लेखक के खाते में जमा कर दी जाती है। ईबुक प्रकाशन एक अलग विषय है, जिसकी संक्षिप्त जानकारी मैंने आपको देने का प्रयास किया है। यदि लेखक/पाठक चाहेंगे तो इसकी जानकारी भविष्य के लेखों में दी जा सकती है।

जब मैंने लोगों से ईबुक्स के बारे में जानना चाहा तो पता चला कि 25% युवा पीढ़ी के लेखकों को ईबुक्स की बेहतर अथवा सतही जानकारी है। किन्तु, 80% प्रतिशत से अधिक लेखक/पाठक इस प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं, विशेषकर मेरी समवयस्क पीढ़ी। मेरे कई समवयस्क मित्रों की पुस्तकों को प्रकाशक ने पेपरबेक और ईबुक फॉर्मेट में प्रकाशित किया है किन्तु जानकारी के अभाव में उन्होंने अपनी पुस्तकों का मात्र पेपरबेक संस्करण ही पढ़ा है और ईबुक अब तक नहीं पढ़ सके हैं। यहाँ हम ईबुक्स को एक पाठक के दृष्टिकोण से देखना चाहेंगे।

यदि हम ईबुक को संक्षिप्त में जानना चाहेंगे तो ईबुक, सामान्य बुक अथवा पुस्तक का डिजिटल संस्करण है। ईबुक को आप वैसे ही पढ़ सकते हैं जैसे आप एक सामान्य पुस्तक पढ़ते हैं। बिलकुल वैसे ही पृष्ठ पलटकर पढ़ सकते हैं जैसे आप सामान्य पुस्तक के पृष्ठ पलटकर पढ़ते हैं।

आप अपनी पुस्तक को उँगलियों से स्क्रीन पर स्पर्श कर वैसे ही पलटा सकते हैं जैसे आप पुस्तक के पृष्ठ पलटते हैं ( कृपया  उपरोक्त चित्र देखें )

अब तो ऐसी ईबुक्स भी आ गईं हैं जिन्हें आप इयरफोन से बिना पढे आडिओ बुक की तरह सुन भी सकते हैं। ईबुक में आवश्यकतानुसार चित्र, ग्राफ, चार्ट आदि भी डाल सकते हैं।  पुस्तक इसके अतिरिक्त आप ईबुक्स में आडिओ, यूट्यूब विडियो या इंटरनेट के किसी भी साइट के लिंक्स दे सकते हैं और पुस्तक पढ़ते हुए उस इंटरनेट साइट पर जाकर वापिस पढ़ना जारी रख सकते हैं। बच्चों के लिए इंटरैक्टिव ईबुक्स भी बाजार में उपलब्ध हैं।

साधारणतया ईबुक EPUB, MOBI, AZW, AZW3, PDF, IBA (iBook), PDF आदि कई फॉर्मेट में उपलब्ध हैं। IBA (iBook) आईफोन अथवा आईपेड पर पढ़ने वाले ईबुक का फार्मेट है। AZW और AZW3 अमेज़न ईबुक के फॉर्मेट हैं। किसी भी ईबुक को पढ़ने के लिए आपको रीडर डिवाइस की आवश्यकता होगी। अमेज़न ईबुक के लिए किंडल रीडर डिवाइस उपलब्ध है। EPUB सबसे लोकप्रिय ईबुक फॉर्मेट है।

यहाँ हम अमेज़न किंडल ईबुक को अपने एंड्रोएड फोन पर कैसे पढ़ें इसकी जानकारी साझा करने का प्रयास करेंगे।

अमेजन एप्प्स >>>>

आपके एंड्रोएड मोबाइल फोन पर अमेज़न किंडल ईबुक पढ़ने के लिए दो मुख्य एप्प होने चाहिए –

  1. अमेज़न शॉपिंग एप्प (Amazon Shopping, UPI, Money Transfer, Bill Payment App)
  2. अमेज़न किंडल – रीड ईबुक्स, कॉमिक्स अँड मोर (Amazon Kindle – Read eBooks, comics & More App)

उपरोक्त प्रथम अमेज़न शॉपिंग एप्प से आप ईबूक खरीद सकते हैं और दूसरे अमेज़न किंडल एप्प से आप ईबुक पढ़ भी सकते हैं और खरीद भी सकते हैं।

इस प्रक्रिया में यह आवश्यक है कि जब आप एप्प अपने मोबाइल पर इन्स्टाल करेंगे तो दोनों एप्प में मोबाइल फोन नंबर तथा ईमेल आईडी एक ही होने चाहिए। एप्प इन्स्टाल करने के लिए आपको गूगल प्ले स्टोर में जाना पड़ेगा और उपरोक्त एप्प के नाम डालकर सर्च कर इन्स्टाल करना पड़ेगा।

आज ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले 99.9 प्रतिशत क्रेता अमेज़न एप्प से परिचित हैं। यदि  मेरी समवयस्क पीढ़ी के मित्रों को इसकी जानकारी नहीं है तो इसके लिए अपने परिजनों या मित्रों से जानकारी लेनी चाहिए जो ऑनलाइन शॉपिंग से परिचित हैं अथवा एप्प का उपयोग करते हैं। जैसा कि मैंने ऊपर बताया है। जब आप ऑनलाइन प्रक्रिया से भलीभाँति परिचित हो जाते हैं तो आप अमेज़न किंडल एप्प से ही सीधे पुस्तक क्रय कर सकते हैं क्योंकि उसमे भी अमेज़न शॉपिंग एप्प की तरह पुस्तक खरीदने के लिए शॉपिंग कार्ट और भुगतान की  सुविधा रहती है।

एक बार एप्प आपके मोबाइल पर इन्स्टाल हो गया फिर ईबुक खरीदना अत्यंत आसान है। आपको जिस लेखक की ईबुक क्रय करना है उस लेखक का नाम डालकर सर्च करें तो आपके स्क्रीन पर उस लेखक कि सभी पुस्तकें दिखाई देंगी। (कृपया  निम्न चित्र देखें ) जिस पुस्तक को आप क्रय करना चाहते हैं उस पर क्लिक कर शॉपिंग कार्ट में जोड़ दें और पेमेंट गेटवे के माध्यम से पेमेंट कर दें।

आप पेमेंट गेट वे से जैसे ही भुगतान करते हैं संबन्धित पुस्तक आपके अमेज़न किंडल रीड एप्प में सिंक्रोनाइज होकर अपने आप आ जाती है जिसे आप अपनी सुविधानुसार कभी भी पढ़ सकते हैं।

यहाँ हमने अमेज़न किंडल ईबुक की चर्चा की है। यदि आप एक तकनीक से वाकिफ हो जाते हैं तो बाजार में उपलब्ध अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।  इसी तरह गूगल प्ले बुक्स – ईबुक्स, आडिओ बुक्स अँड कॉमिक्स एप्प और विभिन्न ईबुक रीडर बाजार में उपलब्ध हैं।

ईबुक की सबसे बड़ी सुविधा यह है कि आपको अपने साथ बड़ी बड़ी पुस्तकें लेकर नहीं जाना है और न ही अपने घर में पुस्तकालय बनाना है । आपकी जेब में आपका मोबाइल ही आपकी ईबुक्स का बुक शेल्फ / पुस्तकालय है। फिर एक बार ईबुक आपके मोबाइल में लोड हो गई उसके बाद उसे पढ़ने के लिए आपको इंटरनेट की भी आवश्यकता नहीं है। ये आपके मोबाईल की मेमोरी का ज्यादा स्थान भी नहीं लेतीं और आवश्यकता पड़ने पर आप उन्हें मेमोरी कार्ड में लोड भी कर सकते हैं।  हाँ यदि आपकी ईबुक में कोई आडिओ या यूट्यूब विडियो लिंक है तो आपको इंटरनेट की आवश्यकता पड़ सकती है। आज नहीं तो कल अमेजन अवश्य अन्य देशों की भांति भारत में भी अंग्रेजी पुस्तकों का पेपर बेक संस्करण  ईबुक के  साथ में लाएगा ऐसी कल्पना है। कुछ भारतीय प्रकाशक यह तकनीक अपना रहे हैं किन्तु,, वे  लेखकों  के लिए अत्यंत महँगी हैं अथवा उन्हें एक निश्चित संख्या में पुस्तकें मजबूरन प्रकाशित करना अनिवार्य होता है। आज का समय निश्चित ही ईबुक का है और लेखक किसी भी तरह से  प्रकाशक पर निर्भर नहीं रह सकेंगे।

 

© हेमन्त बावनकर, पुणे 

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Shri Ram Ayyangar

Vistrat jaankari de hai, e book premiyon ke liye sahayak hoga.

डॉ भावना शुक्ल

यथार्थ परक आलेख