डॉ निधि जैन
( डॉ निधि जैन जी भारती विद्यापीठ,अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पुणे में सहायक प्रोफेसर हैं। आपने शिक्षण को अपना व्यवसाय चुना किन्तु, एक साहित्यकार बनना एक स्वप्न था। आपकी प्रथम पुस्तक कुछ लम्हे आपकी इसी अभिरुचि की एक परिणीति है। आपका परिवार, व्यवसाय (अभियांत्रिक विज्ञान में शिक्षण) और साहित्य के मध्य संयोजन अनुकरणीय है। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता “विचार”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆निधि की कलम से # 18 ☆
☆ विचार ☆
विचार से बना पूरा संसार, विचार ही जीवन का आधार।
विचार ही हर पतझड़ में बहार, विचार ही हर यौवन का श्रृंगार।
विचार ही तूफ़ान में मंझधार, विचार ही करते हैं चमत्कार।
विचार से बना पूरा संसार, विचार ही जीवन का आधार।
विचार मिटाते हैं अन्धकार।
विचार जलाते हैं, ज्ञान की ज्योति अपारI
विचार से बना पूरा संसार, विचार ही जीवन का आधार।
विचार करते हैं इस जीवन सागर से पार।
विचार मिटाते हैं हमारे जीवन में विकार।
विचार हर संगीत का राग मल्हार।
विचार हर मूर्ति का आकार।
विचार देता है, अँगुलीमाल को वाल्मीकि सा संस्कार ।
विचार से बना पूरा संसार, विचार ही जीवन का आधार।
विचार दिलाता है हर लड़की को लक्ष्मी बाई का साहस।
विचार कराता है लाल बहादुर से नदियाँ पार।
विचार कराता है गाँधी से बापू तक का सफर।
विचार से बना पूरा संसार, विचार ही जीवन का आधार।
विचार कितने ही इतिहास बदल चुका है।
विचार से बना पूरा संसार, विचार ही जीवन का आधार।
विचार कितने ही पहाड़ हिला चुका है।
विचार कितने ही पत्थरों से आग निकाल चुका है।
विचार कितने लोगो को चाँद पर भेज चुका है।
विचार कितनी पीढ़ियाँ बदल चुका है और कितनी बदलेगा।
विचार से बना पूरा संसार, विचार ही जीवन का आधार।
© डॉ निधि जैन, पुणे
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
Wonderful lines on thoughts..