श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “दोस्त इसको मरे जमाना हुआ“)

☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # 66 ☆

✍ दोस्त इसको मरे जमाना हुआ… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

ढूढती क्या है ज़िन्दगी मुझमें

इश्क़ की आग जल रही मुझमें

 *

मैं उठाता हूँ ज़िन्दगीं का मज़ा

जब से आयी है सादगी मुझमें

 *

 डूब जाएगी दहर की नफ़रत

है रवाँ प्यार की नदी मुझमें

तेरी नजदीकियों का क्या कहना

खिल रही ख़ूब चाँदनी मुझमें

 *

इक तेरे बज़्म छोड़ देने से

रक़्स-फरमा है तीरगी मुझमें

 *

दोस्त इसको मरे जमाना हुआ

ढूढता क्यूँ है आदमी मुझमें

 *

अच्छे लोगों का फैज़ है ये अरुण

ज़िंदा है अब भी मुख़लिसी मुझमें

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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