श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “अक्लमंदी नहीं ये आपकी है नादानी“)

☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # 83 ☆

✍ अक्लमंदी नहीं ये आपकी है नादानी… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

ज़ख्म दिल का ये हरा रोज़ कर दिया जाए

और ऊपर से नमक इसमें भर दिया जाए

 *

फिक्र क्यों करते हो जो बेचना उसे बेचो

इसका इल्जाम विदेशों पे धर दिया जाए

 *

अक्लमंदी नहीं ये आपकी है नादानी

जो मुसीबत में स्वयं अपना सर दिया जाए

 *

मुफ़लिसो को दो निवाले छुपाने सर को घर

मेरी पूजा का शरफ़ कुछ अगर दिया जाए

 *

कोई मायूस न हो कर रहा है जो मेहनत

काम का उसके मुताबिक समर दिया जाए

 *

माँगते वक़्त रखो ध्यान माँग जो मुमकिन

किस तरह हाथ में बोलो क़मर दिया जाए

 *

काटना चैन से तुमको अगर बुढ़ापे  को

खेत घर नाम न बच्चों के कर दिया जाए

 *

है अरुण तंग लगा योनियों के अब फेरे

हो करम तेरा जो आसां सफ़र दिया जाए

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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