श्री अरुण कुमार दुबे
(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “बदला है वक़्त तौर सियासत के बदले हैं…“)
☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # 88 ☆
बदला है वक़्त तौर सियासत के बदले हैं… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे ☆
☆
जैसे अभी है ऐसे कभी हम नहीं रहे
इतने तो जिंदगी में कभी ग़म नहीं रहे
*
फ़रियाद में हो दम तो सुने हाल ही ख़ुदा
सहरा में सबके वास्ते ज़मज़म नहीं रहे
*
मन मानता नहीं है फ़ज़ीयत करा रहा
पहले से आज मुझमें वो दमखम नहीं रहे
*
दुश्मन थे चंद दोस्त की भरमार थी मेरे
फ़ितनों के जाल ज़ीस्त में पर कम नहीं रहे
*
बदला है वक़्त तौर सियासत के बदले हैं
हाथों में कामरेड के परचम नहीं रहे
*
कितनी सियाह रात सितारे न चाँद है
जुगनू जो लड़ने आये उतने तम नहीं रहे
*
आँखों के रो के सूख गए आबशार सब
इस हिज़्र में अब मेरे नयन नम नहीं रहे
*
नेकी को डाल देते थे दरिया में जो कभी
इस दौर में वो दोसतो आदम नहीं रहे
*
गिरगिट सा रंग जबसे बदलना है आ गया
अपनी ज़ुबाँ पे आदमी कायम नहीं रहे
*
मौसम न ख़ुशगवार ये लगता बहार का
जबसे अरुण हमारे वो जानम नहीं रहे
☆
© श्री अरुण कुमार दुबे
सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश
सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈