श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “यक़ीनन वो कोई ख़ुद्दार होगा“)

☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # 99 ☆

✍ यक़ीनन वो कोई ख़ुद्दार होगा… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

बशर हर साहिबे क़िरदार होगा

तभी अपना चमन गुलज़ार होगा

 *

छिपा जिस भेष में गद्दार होगा

हमेशा घात को तैयार होगा

 *

मरा है मुफ़लिसी में करके फ़ाके

यक़ीनन वो कोई ख़ुद्दार होगा

 *

शिनावर  मौज़ की रफ़्तार नापे

अजी वो खाक़ दरिया पार होगा

 *

क़लम जो बेचता सड़कों पे गाकर

मुझे लगता कोई फ़नकार होगा

 *

चलूँगा बैल सा कोल्हू के हर दिन

कभी क्या ज़ीस्त में इतवार होगा

 *

हुआ वहशत का है जो शख़्स हामी

यक़ीनन ज़हन से बीमार होगा

 *

रखेगा कैद में सैयाद कब तक

कभी तो आपका दीदार होगा

 *

मुहब्बत का सफ़र आसां न समझो

“अरुण” रस्ता बड़ा दुश्वार होगा

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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